45 मिनट तक भगदड़ में महिलाओं को कुचलती रह भीड़.... मददगारों को भगाते रहे सेवादार

सत्संग के बाद मची भगदड़ में महिलाएं सड़क किनारे बने गड्ढे में गिर गईं थीं। कई मदद के लिए चिल्ला भी रही थीं। लेकिन भीड़ इनके ऊपर से गुजरती रही। आसपास के गांवों के नौजवान जो पंडाल से बाहर सड़क किनारे खड़े थे वह मदद के लिए दौड़े तो सेवादारों ने डंडा दिखाकर रोक दिया। तकरीबन पौन घंटे तक भीड़ गड्ढे में गिरी महिलाओं के ऊपर से गुजरती रही। जब सेवादारों को पता चला कि कई महिलाएं मर गईं हैं तो वह मौके से फरार हो गए। यह बयान पांच गांवों के लोगों ने हाथरस की पुलिस लाइन में एसआईटी के समक्ष पेश होकर दर्ज कराए हैं। ग्रामीणों ने अफसरों को बताया कि अगर सेवादार ग्रामीणों को मदद करने से न रोकते तो इतने लोगों की मौत न होती।

45 मिनट तक भगदड़ में महिलाओं को कुचलती रह भीड़.... मददगारों को भगाते रहे सेवादार


हाथरस में भोलेबाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई है। शासन ने इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। इसमें आगरा जोन के एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ की कमिश्नर चेत्रा बी शामिल हैं। एसआईटी द्वारा घटना के वक्त मौके पर मौजूद रहे लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। बुधवार और बृहस्पतिवार को हाथरस की पुलिस लाइन में फुलरई, मुगलगढ़ी, रतिभानपुर, उमरावपुर , गढि़या और शाहपुर के ग्रामीणों के बयान दर्ज किए गए। 


इन गांवों के 22 लोगों ने अपने बयान एसआईटी के समक्ष दिए हैं। जो बयान दर्ज कराए गए हैं उसके मुताबिक सत्संग के दौरान जितने लोग पंडाल में थे उससे कहीं ज्यादा बाहर थे। हाईवे तक भीड़ थी। करीब पौने दो बजे सत्संग समाप्त होने के बाद जब लोगों की भीड़ हाईवे की तरफ बढ़ी तब सेवादार डंडे लेकर खड़े हो गए। वह लोगों से कह रहे थे कि बाबा आने वाले हैं। उनके निकल जाने के बाद वह लोग आगे बढ़ें। क्योंकि उस दिन भीषण गर्मी थी लिहाजा महिलाओं को बेचैनी महसूस होने लगी। सभी की कोशिश थी कि किसी भी तरह से हाईवे के पार खाली खेत तक पहुंच जाएं। इसी बीच बाबा का काफिला भी यहां से निकलने लगा। 


कुछ लोग बाबा के काफिले के करीब पहुंचने की कोशिश करने लगो जिसे सेवादारों और बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड रोकने लगे। इससे भगदड़ मच गई। क्योंकि सबसे आगे महिलाएं थीं जिससे वह सड़क किनारे गड्ढे में गिरती चलीं गईं। ग्रामीणों ने अफसरों को बताया कि यहां चीखपुकार मचने लगी लेकिन भीड़ इतनी थी कि कोई कुछ समझ ही नहीं पा रहा था। गांव के लोग पहले से हाईवे किनारे पर मौजूद थे। वह मदद के लिए आगे बढ़े तो डंडा लिए सेवादार उन्हें दौड़ाने लगे। कई से मारपीट पर उतारू हो गए थे। बाद में जब सेवादारों को पता चला कि महिलाओं की मौत हो गई है तो वह सभी वहां से निकल भागे। बाद में उन लोगों ने वहां मौजूद पुलिस वालों की मदद से एंबुलेंस बुलाईं। दूसरे वाहनों लोगों को अस्पताल ले जाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि अगर सेवादार वहां से हट जाते और ग्रामीणों को मदद करने देते तो यह हालात न पैदा होते।


ग्रामीणों ने एसआईटी को यह बताया...

  • सेवादारों की वजह से बिगड़े हालात, डंडे से हांक रहे थे भीड़ को
  • ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो किसी को भी मदद नहीं करने दी गई
  • सेवादारों ने बाबा के काफिले को गुजारने के लिए भीड़ को रोक दिया था
  • गर्मी के कारण महिलाओं को महसूस हो रही थी बेचैनी.. फुले में पास के खेत में जाना चाह रहा था हर कोई
  • सेवादारों ने महिलाओं के पर्स और चप्पल तक उठाकर खेतों में फेंक दिए थे


एसआईटी की जांच पूरी...रिपोर्ट बनाने पर मंथन जारी
हादसे के मूल कारणों और लापरवाही को लेकर सीएम के निर्देश पर शुरू हुई एसआईटी जांच शुक्रवार देर रात पूरी हो गई। हालांकि, अब सिर्फ जांच दल द्वारा संयुक्त निचोड़ निकालकर रिपोर्ट तैयार करने का काम शेष है। जिस पर देर रात तक पुलिस लाइन में मंथन चल रहा था।

  • अनुमति के आधार पर एएसपी स्तर से सभी संबंधित विभागों को जरूरी संसाधनों का पत्राचार किया गया था
  • बावजूद इसके मौका मुआयना तक क्यों नहीं किया गया
  • तीस जून और दो जुलाई की सुबह एलआईयू ने दो बार भीड़ पर रिपोर्ट दी, पर उस पर संज्ञान नहीं लिया
  • हादसा होने के बाद स्वास्थ्य संबंधी अव्यवस्थाओं के चलते मौतों का आंकड़ा बढ़ा, ये भी लापरवाही की संज्ञा

जांच आयोग आज पहुंचेगा हाथरस
इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश जस्टिस बीके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय आयोग शनिवार को हाथरस पहुंचेगा। आयोग के सदस्य शनिवार सुबह 11 बजे हाथरस पहुंचने के बाद डीएम, एसपी समेत अन्य अधिकारियों से वार्ता करेंगे। दल में पूर्व आईएएस हेमंत राव, पूर्व आईपीएस अधिकारी भावेश कुमार सिंह भी शामिल हैं। दोपहर दो बजे से फुलरई मुगलगढ़ी में वे घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे। शाम छह बजे से पुलिस व प्रशासनिक अफसरों से मिलेंगे। सात जुलाई को सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक हादसे के पीड़ितों व प्रत्यक्षदर्शियों से बात करेंगे। 

  • आयोग ने पुलिस से हादसे से संबंधित समस्त जानकारी, अब तक जुटाए गए सबूत, मृतकों एवं घायलों का नाम-पता और आरोपियों का ब्योरा मांगा है। 

मंत्री, सांसद व विधायकों ने आश्रितों के घर पहुंच दिए चेक
जान गंवाने वाली महिलाओं और बच्चों के घर शुक्रवार को शासन-प्रशासन का अमला पहुंचा। प्रत्येक मृतक के आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता के चेक सौंपे। बताया कि प्रधानमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपये की सहायता राशि सीधे मृतक आश्रितों के खातों में पहुंचेगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, हाथरस सांसद अनूप वाल्मीकि, छर्रा विधायक ठा. रवेद्र पाल सिंह और बरौली विधायक ठा. जयवीर सिंह ने मृतकों और घायलों के परिजनों को चेक सौंपे।