जिंन्दगी उजाड़ रहा हैं नीला कैप्सूल, रंगे हाथों नशीली दवाई बेचते मेडिकल स्टोर संचालक को पुलिस ने पकड़ा था
युवाओं का जीवन बर्बाद कर रही हैं नशीली दवाई पुलिस ने की खानापूर्ति
मेडिकल स्टोर संचालक धड़ल्ले से बेच रहा है नीला कैप्सूल
जिंन्दगी उजाड़ रहा हैं नीला कैप्सूल
संवाददाता सुशील पांचाल
रंगे हाथों नशीली दवाई बेचते मेडिकल स्टोर संचालक को पुलिस ने पकड़ा था
राजनीतिक रसूख के चलते बिना कार्रवाई के छूटा
युवाओं का जीवन बर्बाद कर रही हैं नशीली दवाई पुलिस ने की खानापूर्ति
परिजनों ने कहा ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो और पुलिस उन्हें जेल भेजें
थानाभवन-प्रतिबंधित नशीली दवाई बेचने के आरोप में पकड़े गए मेडिकल स्टोर संचालक को पुलिस ने खानापूर्ति करते हुए थाने से ही छोड़ दिया। जबकि नशे में डूबे व्यक्ति के परिजनों ने मेडिकल संचालक पर कार्रवाई की मांग की है। मेडिकल संचालक खुलेआम दोबारा से नशीली दवाई बेच रहा है। मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है। सैकड़ो परिवार नशे के कारण आर्थिक रूप से बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके हैं।
नशे की लत एक बार किसी को लग जाए तो वह शारीरिक रूप से तो व्यक्ति को खराब कर देता है वहीं आर्थिक रूप से परिवार को भी कंगाली की हालत में पहुंचा देता है। व्यक्ति अपना काम काज छोड़कर सारा दिन नशे में डूबा रहता है। जिस कारण कई बार नशे में डूबे व्यक्तियों की मौत हो जाती है। जबकि कई युवक गलत संगति में पड़कर चोरी लूट आदि अपराध के रास्ते को अपना लेते हैं। जिससे उनका भविष्य अंधकार में डूब जाता है। शामली जनपद के थानाभवन थाना क्षेत्र में नशे का कारोबार करने वाले लोग धड़ल्ले से नशे का कारोबार कर रहे हैं। ताजा मामला दो दिन पहले का है। जब थानाभवन क्षेत्र के गांव सोहजनी उमरपुर निवासी बिलाल नशे की लत के कारण कई माह बाद नशा मुक्ति केंद्र से छूटकर आया था, लेकिन जैसे ही वह नशा मुक्ति केंद्र से छूटकर आया अगले ही दिन घर वालों ने देखा कि बिलाल दोबारा नशे में डूबा है और खेत पर नशे की हालत में पड़ा हुआ है। घर वालों ने कड़ाई से बिलाल से पूछताछ की और पूछा कि उसने क्या नशीला पदार्थ खाया है। उसने बताया कि जलालाबाद में स्थित एक मेडिकल स्टोर से वह नशे के नीले कैप्सूल लेकर आया था। घरवाले ने अपनी जानकारी पुख्ता करने के लिए दोबारा से युवक को मेडिकल स्टोर से नशीले कैप्सूल खरीदने के लिए कहा। युवक बिलाल मेडिकल स्टोर पर पहुंचा और पैसे देते हुए नशे के कैप्सूल खरीद लिए। तभी परिजनों ने डायल 112 पुलिस को फोन कर दिया और मेडिकल स्टोर संचालक को नशे के नीले कैप्सूल के साथ पकड़ लिया जिनकी संख्या सैकड़ो से भी ज्यादा थी पुलिस मैडिकल संचालक को पड़कर थाने ले आई थी। लेकिन नशे का कारोबार करने वाले स्टोर संचालक को राजनीतिक रसूक के चलते थानाभवन पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालक को खानापूर्ति करते हुए बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया। जबकि बिलाल की मां तंजीला का कहना है कि मेरा बच्चा नशे के कारण बर्बाद हो चुका है और हमारा परिवार भी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। हमने कई बार मेडिकल स्टोर संचालक से हाथ जोड़कर अनुरोध किया है कि वह मेरे बच्चे को नशे की चीज ना दे। यहां तक कि वह घर पर भी नशीले कैप्सूल ऑर्डर पर भिजवा देता है। जिसके कारण बिलाल की हालत काफी खराब हो गई थी। उसे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। वह चाहती है कि ऐसे लोगों पर लगाम लगाई जाए। उन्होंने मेडिकल स्टोर संचालक को पकड़वाया था, लेकिन वह छूट गया और उनका बेटा फिर दोबारा से मेडिकल स्टोर से नशीले कैप्सूल लेकर आया है। वही नशे के आदि बिलाल की पत्नी सायबा का कहना है कि उसका पति नशे की लत के कारण बर्बाद हो चुका है खुलेआम गली गली नशे के कारोबार हो रहे हैं ऐसे लोगों को पड़कर जेल भेजना चाहिए। क्योंकि इससे परिवार के परिवार बर्बाद हो रहे हैं। थाना भवन क्षेत्र में नशे का कारोबार इस कदर फैला है कि गली मोहल्ले में खुले मेडिकल स्टोर एवं अन्य लोग खुलेआम नशे के कैप्सूल एवं नशे के कई प्रकार के मादक पदार्थ गांजा स्मैक आदि बड़ी संख्या में बेच रहे हैं। जिससे सकड़ों से भी ज्यादा परिवार के बच्चे नशे की लत में डूबकर बर्बाद हो रहे हैं और जिला प्रशासन व स्थानीय पुलिस ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रही है।