मलबे में दबे लोगों की आवाजें सुनकर मदद के लिए दौड़े लोग

 मलबे में दबे लोगों की आवाजें सुनकर मदद के लिए दौड़े लोग

सिकंदराबाद, शहर में एक सिलिंडर विस्फोट के बाद मकान गिर जाने से मलबे में दबे लोगों की आवाजें सुनाई देने लगीं। मलबे के नीचे फंसे लोगों ने मदद की गुहार लगाई, "हम इधर हैं, बचा लो नहीं तो मर जाएंगे।" घटनास्थल पर पहुंचकर आसपास के लोगों ने मिट्टी हटाने की कोशिश की, लेकिन भारी लिंटर के कारण कोई भी उसे हिला नहीं सका।

गुस्साए लोगों ने आरोप लगाया कि घटना सुबह 8 बजे हुई, लेकिन जेसीबी 9:30 बजे मौके पर पहुंची। इस देरी के कारण परिवार के छह लोगों की जान चली गई।

विस्फोट की तेज आवाज सुनकर लोग घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े। कुछ लोग भागकर सुरक्षित स्थानों की ओर गए, जबकि अन्य ने धुएं के बीच फंसे लोगों की आवाजें सुनकर तुरंत मदद की कोशिश की। मलबे में दबे लोगों की आवाजें सुनकर लोग चित्कार कर रहे थे, "हम इधर कमरे वाली साइड में फंसे हैं, बचा लो नहीं तो मर जाएंगे।"

घटनास्थल पर जैसे ही लोगों ने आवाजें सुनीं, वे अपने हाथों से मिट्टी हटाने लगे। कुछ लोगों ने फावड़े से मिट्टी खोदने की कोशिश की, लेकिन लिंटर को कोई नहीं हिला पाया।

जैसे ही घटना की सूचना रिश्तेदारों को मिली, वे भी घटनास्थल पर पहुंचे और अपने अपनों को ढूंढने लगे। वहां उपस्थित लोगों ने उन्हें ढांढस बंधाया और जिनको मलबे से निकाला गया, उनके हाल जानने के लिए रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे।

घटना की जानकारी मिलने पर पूरे शहर से लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। हर कोई अपनी सामर्थ्यानुसार मदद कर रहा था। आसपास के लोगों ने मिलकर राहत कार्य में भाग लिया और हर संभव कोशिश की कि फंसे हुए लोगों को जल्दी से बाहर निकाला जा सके।

यह घटना पूरे शहर में फैल गई और लोगों ने मिलकर भाई-चारे का संदेश दिया, जबकि कुछ ने यह भी कहा कि ऐसा लगा जैसे किसी ने बम फेंका हो।