विभाग और कृषि के क्षेत्र में डा ब्रह्मानंद की सेवाएं आज भी अनुकरणीय : राजेन्द्र शर्मा

विभाग और कृषि के क्षेत्र में डा ब्रह्मानंद की सेवाएं आज भी अनुकरणीय : राजेन्द्र शर्मा

आदर्श और कर्मठ अधिकारी के साथ ही किसानों के हमदर्द:हाजी गफ्फार

ब्यूरो डॉ योगेश‌ कौशिक

मेरठ।प्रदेश के कृषि विभाग में निदेशक के रूप में अपनी प्रशंसनीय सेवा देने वाले डॉ ब्रह्मानंद शर्मा की पुण्यतिथि पर यज्ञ किया गया तथा उन्हें स्मरण करते हुए कृषि विभाग में उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की गई। 

रालोद के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक राजेन्द्र शर्मा के अग्रज डॉ ब्रह्मानंद शर्मा ,अपनी कर्तव्य निष्ठा व निष्पक्षता के कारण भारत के प्रधानमंत्री रहे स्व चौ चरण सिंह के अति विश्वसनीय अधिकारियों में से एक रहे हैं। कृषि विभाग में उनकी मेहनत और दिशा निर्देशन के कारण उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद भी प्रदेश के कई कृषि मंत्रियों ने समय समय पर अपना सलाहकार भी बनाए रखा। कृषि के क्षेत्र में विभिन्न विषयों पर उनके रिसर्च पेपर व आर्टिकल भी देश के कृषि वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा और शोध के क्षेत्र में आगे बढते रहने की दिशा में सहायक होते रहे हैं। 

सेवानिवृत्ति के बाद मेरठ के शास्त्री नगर में रहते हुए भावी कृषि वैज्ञानिकों व राजनेताओं को दिशा निर्देशन व कृषि मंत्रियों तक के सलाहकार के लिए भी डॉ ब्रह्मानंद शर्मा को जाना जाता रहा है। उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर जहां सुबह आर्य समाज मंदिर में यज्ञ किया गया तथा उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए, वहीं एक गोष्ठी का आयोजन कर प्रदेश के कृषि विभाग सहित देश के भावी कृषि वैज्ञानिकों के लिए उनके मार्ग दर्शन की सराहना की गई। 

गोष्ठी में रालोद के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि, ग्रामीण परिवेश में रहकर उच्च शिक्षा और फिर कृषि विभाग में अपनी सक्रियता तथा निर्णयों से पहचान बनाने वाले अधिकारी के रूप में जाने गये।इस दौरान सहृदयता, आदेशों का अनुपालन और किसान का हित उनकी प्राथमिकता में रहा, किसान और खेती को देख कर सदैव मन प्रसन्न हो जाता था। 

इस अवसर पर पार्षद फजल करीम, पूर्व पार्षद गफ्फार खां, प्रधानाचार्य केएल पाठक, आनंद शर्मा खडौली, एनएएस कालेज ट्रस्ट के सचिव अमित शर्मा, शोभित विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रमन शर्मा, खडौली के किसान नेता आनंद व कुसैडी के प्रमोद व आकाश शर्मा ने भी विचार व्यक्त करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान तरुण शर्मा ने बताया कि, उनके शोध प्रबंध से भावी कृषि के छात्रों व वैज्ञानिकों को मार्गदर्शन मिलता रहा है।