मुख्यमंत्री कृषक कल्याण दुर्घटना बीमा योजना ,मृतक के परिजनों को ₹5 लाख से सरकार द्वारा दी जाती आर्थिक सहायता 

••26 पात्र लाभार्थियों के खाते में आरटीजीएस के जरिये भेजे गए 1 करोड़ 23 लाख 50 हजार रुपये

मुख्यमंत्री कृषक कल्याण दुर्घटना बीमा योजना ,मृतक के परिजनों को ₹5 लाख से सरकार द्वारा दी जाती आर्थिक सहायता 

ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक

बागपत।जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत 11 मार्च 2024 तक प्राप्त आवेदन दावों के निस्तारण हेतु समिति के समक्ष आये 26 लाभार्थियों व हिताधिकारियों को  01करोड़ 23 लाख 50 हजार रुपए की धनराशि की संस्तुति की, जो लाभार्थियों के खाते में ई पेमेंट के माध्यम से मिली। 

बता दें कि, मुख्यमंत्री कृषक कल्याण दुर्घटना योजना के तहत प्राप्त 26 दावों के निस्तारण के सम्बन्ध में दिनांक 11 मार्च को समिति के साथ  बैठक हुई थी । आयुक्त एवं सचिव, राजस्व परिषद उप्र अनुभाग 16 लखनऊ से 01 करोड़ 23 लाख ₹50 हजार का बजट मिला है ,जो मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लाभार्थी थे उनके खाते में धनराशि भेज दी गई है।

उल्लेखनीय है कि, मुख्यमंत्री कृषक कल्याण दुर्घटना बीमा योजना में उत्तर प्रदेश के निवासी ,ऐसे कृषक जो दुर्घटनावश मृत या दिव्यांग हो जाते हैं तथा जिनकी आयु 18 वर्ष से 70 वर्ष तक है, यदि उनकी मृत्यु आग लगने, बाढ आने बिजली गिरने करन्ट लगने, सांप द्वारा काटने, जीव-जन्तु जानवर द्वारा काटने-मारने ,आक्रमण से समुद्र, नदी, झील, तालाब पोखर या कुएं में डूबने, आंधी तूफान से वृक्ष गिरने, दबने मकान गिरने, रेल, रोड,वायुयान या अन्य वाहन आदि से दुर्घटना, भूस्खलन, भूकंप, गैस रिसाव, विस्फोट, सीवर चैम्बर में गिरने अथवा अन्य किसी कारण से कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु या दिव्यांगता होती है तो कृषक के विधिक वारिस को इस योजना के अर्न्तगत आर्थिक सहायता ₹5 लाख (मृतक होने की दशा में) व 1,25000 रुपये (दिव्यांग होने की दशा में) अनुमन्य होगी।लेकिन हत्या से सम्बन्धित किसी भी प्रकरण में सहायता राशि देय नहीं है ।

बताया कि,दुर्घटना में मृतक कृषक के वारिसों द्वारा आवेदनपत्र निर्धारित प्रारूप पर दो प्रतियों में मृत्यु तिथि से 90 दिन के अन्दर तहसील मुख्यालय पर जमा करना होगा। विलम्ब की दशा में आवेदनपत्र विलम्ब के कारण सहित जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा, 90 दिन की अवधि बढ़ाने का अधिकार जिलाधिकारी को है।