यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सैकडो़ ई-रिक्शा चालकों को दिया प्रशिक्षण

अपने ही रूट पर चलेगें ई-रिक्शा,रंग से होगी रूट की पहचान।अलग रूट पर संचालित पाऐ जाने पर होगी चालान की कार्यवाही।बीते सप्ताह यातायात पुलिस ने 690 वाहनों पर की थी चालान की कार्यवाही।

यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सैकडो़ ई-रिक्शा चालकों को दिया प्रशिक्षण

ब्यूरो वेद प्रकाश मिश्र

अव्यवस्थित यातायात से निजात दिलाने के लिए नित नए-नए प्रयोग करने के साथ ही दुर्घटनाओं के प्रतिशत को कम करने के लिए यातायात विभाग ने सोमवार को ई-रिक्शा,थ्री व्हीलर व छोटे वाहनों के ड्राईवरों के लिए गोलाघाट मे एक कार्यशाला का आयोजन किया।जिसमें चालकों के लिए प्रभारी यातायात अनूप सिंह ने ई-रिक्शा चालकों के लिए रूट निर्धारित करते हुए बताया की लाल,नीला,हरा व पीले रंग से ई-रिक्शे की छतरी को अलग,अलग रूट आवंटित किया गया है।आजसे जिस रंग के ई.रिक्श को जिस रूट पर चलने के लिए निर्धारित किया गया है,यदि उसके अलावा दूसरे रूट पर सवारियां ढो़ते हुए पकड़ा जाता है,तो बडी़ कार्यवाही की जाएगी,साथ ही सड़क पर ई-रिक्शा सवारियां उतारते या भरते दिखे या बस स्टाप के प्रवेश,निषेध द्वार के सामने खडे़ मिले तो सीज करने की कार्यवाही की जाएगी।यातायात प्रभारी अनूप सिंह ने बताया की बीते सप्ताह यातायात विभाग ने 690 वाहनों पर चालान के साथ ही वाहन चालको को जागरूक करने का काम किया है।हालाकि यातायात पुलिस यदि कलर और रूट का सही क्रियान्वयन करवा दे तो निश्चित तौर पर  अव्यवस्थित यातायात और दुर्घटनाओं से आधे से ज्यादा छुटकारा मिल सकता है।

आम लोगों का मानना है की नगर क्षेत्र में आज जिस प्रकार से अव्यवस्थित यातायात है,उसका कारण ई-रिक्शा ही है।इनके कारण आए दिन दुर्घटनाए होती रहती है।सड़क घेर कर रास्ता जाम कर देना,बेतरतीब फर्राटा भरना इसपर अंकुश लगना आवश्यक है।बहरहाल देखना यह है कि "रंग और निर्धारित रूट" की व्यवस्था को सफल बनाने मे यातायात पुलिस कितनी कामयाब होती है?