पराली न जलाने वाले एवं पराली का सदुपयोग करने वाले जनपद के 50 कृषकों को डीएम प्रेम रंजन सिंह ने किया सम्मानित।
ब्यूरो रिपॉर्ट मिथुन गुप्ता एटा
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सम्मान पाकर खुश हुए कृषक।
एटा। प्रदेश एवं देशभर में धान की पराली मुसीबत और पर्यावरण के लिए बड़ा संकट बनी हुई थी, जिसके उपरान्त शासन के निर्देशानुसार जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि विभाग सहित अन्य विभागीय कर्मचारियों द्वारा बैठक, गोष्ठियों के माध्यम से पराली न जलाने एवं पराली का सदुपयोग करने के संबध्ंा में वृहद स्तर पर जागरूक किया जाए, जिसके उपरान्त किसान भाई जागरूक हुए। किसानों को बताया गया कि वे अपनी धान की फसल की कटाई वे कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन जिसमें पराली प्रबंधन सिस्टम लगा हुआ है, उसके माध्यम से से ही कराएं। क्योंकि इससे एक तरफ तो हमारा पर्यावरण दूषित होने से बचेगा, तो दूसरी ओर हम पराली को खाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा किसानों को यह भी बताया गया कि वे धान की फसल की कटाई जमीन की सतह से कराते हुए फसल अवशेष में आग न लगाएं। फसल अवशेष को खेत में ही पलट दें अथवा अन्य उपयोग में लाएं। फसल अवशेष सड़ाने के लिए डी कम्पोजर/यूरिया का प्रयोग कर सकते हैं। डीएम प्रेम रंजन सिंह ने शासन के निर्देशानुसार जनपद में किसान भाईयों से अपील की थी कि वे पराली का सदुपयोग करें, खेतों में पराली को न जलाएं, क्योंकि यदि किसान दिन में अथवा रात में किसी भी समय पराली, फसल अवशेष जलाते हैं, तो उसकी रिकार्डिंग सेटेलाईट द्वारा 24 घन्टे की जाती है और वे किसी भी प्रकार से बच नहीं सकते हैं। उन्होंने आग्रह किया कि ऐसे किसान जो पराली को अपने खेत में नहीं जलाएंगे और पराली का सदुपयोग खाद के रूप में, पशुओं को खिलाने के रूप में करेंगे तो ऐसे किसानों को जनपद मुख्यालय पर सम्मानित किया जाएगा। जिलाधिकारी की पहल को कृषि विभाग सहित अन्य विभागों के ग्राम स्तरीय कर्मचारियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण कर जागरूक करते हुए अवगत कराया गया। जिसके उपरान्त किसान भाई बड़ी संख्या में जागरूक हुए और उन्होंने पराली के सदुपयोग को अपनाया। इसी क्रम में उप कृषि निदेशक रोताश कुमार, जिला कृषि अधिकारी मनवीर सिंह ने प्रति ब्लाक क्षेत्र से 6-7 ऐसे किसानों को चिन्हित कर सूचीबद्ध किया, जिन्होंने पराली का सदुपयोग किया हो।जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को सम्मानित किए जाने हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जिलाधिकारी द्वारा ब्लाक शीतलपुर क्षेत्र के 06 किसान, सकीट के 06, मारहरा के 09, निधौलीकलां के 05, अवागढ़ के 06, जलेसर के 06, जैथरा के 06, अलीगंज के 06 सहित कुल 50 कृषकों को प्रशस्ती पत्र देकर एवं शाॅल उड़ाकर सम्मानित किया गया। आयोजित कार्यक्रम के दौरान देव सिंह निवासी ग्राम विजयपुर ब्लाक मारहरा, गोपाल मिश्रा निवासी ब्लाक जैथरा, प्रताप सिंह वर्मा निवासी ग्राम विजयपुर ब्लाक मारहरा, मुकेश कुमार यादव निवासी ग्राम छछैना ब्लाक सकीट आदि किसानों ने अपने अनुभव साझा करते हुए अवगत कराया कि उन्होंने बड़ी संख्या में धान की फसल करने के उपरान्त पराली के सदुपयोग किया। उन्होंने बताया कि वे पराली से आत्म निर्भर की दिशा में कार्य कर रहे हैं और पराली प्रबंधन से प्रतिवर्ष लगभग 20-50 हजार रूपये की आमदनी करते हैं। कुछ किसानों ने बताया कि वे पराली के छोटे-छोटे बंडल बनाकर पशुपालकों को विक्री करते हैं, जिससे उनकी अतिरिक्त आय होती है। इस अवसर पर सीडीओ डा0 एके बाजपेयी, डीडी कृषि रोताश कुमार, जिला कृषि अधिकारी डा0 मनवीर सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण, भारी संख्या में किसान भाई आदि मौजूद रहे।