नहीं रहे राज्य पुरस्कार से सम्मानित पूर्व प्रधानाध्यापक नेत्रपाल शर्मा
ब्यूरो रिपोर्ट मिथुन गुप्ता एटा
98 वर्ष की आयु में उन्होंने ली अंतिम सांस
एटा। सामाजिक,सांस्कृतिक एवं मानवीय मूल्यों के संवाहक राज्य पुरस्कार से सम्मानित पूर्व प्रधानाध्यापक श्री नेत्रपाल शर्मा ने 98 वर्ष की आयु में 6 फरवरी को इस भौतिक जगत से विदा ले ली। 7 फरवरी को मोक्षधाम, भूतेश्वर घाट पर वैदिक रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें नगर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। श्री शर्मा अनुशासित जीवन जीने वाले प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे। उन्होंने हमेशा स्वास्थ्य, संस्कार और सामाजिक नैतिक मूल्यों की आत्मजनों को शिक्षा दी। वे स्वयं भी इन मूल्यों का आजीवन अनुपालन करते रहे। उन्होंने संतुलित शुद्ध आहार एवं योग-प्राणायाम व व्यायाम पर विशेष जोर दिया। उन्होंने समाज को, विशेषकर स्त्रियों को सुशिक्षित करने के लिए हर सम्भव प्रयास किया। आपका मानना था कि एक सुशिक्षित नारी दो परिवारों को सुशिक्षित व संस्कारवान बना देती है। आपके परिवार में कोई भी बेटी या बहू स्नातकोत्तर से कम नहीं है। उन्होंने लगभग 40 वर्ष तक विद्यादान का पुनीत कार्य किया तदर्थ उन्हें आदर्श शिक्षक का राज्य पुरस्कार प्राप्त हुआ। वह शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों के संगठन के आजीवन अध्यक्ष रहे, साथ ही सेवानिवृत्त अध्यापकों की संगठन संस्था के जिला अध्यक्ष रहे और उनकी समस्याओं का निःस्वार्थ भाव से समाधान करते रहे। उन्हें पुत्र, पौत्र, प्रपौत्र आदि भरे-पूरे परिवार का भरपूर सुख मिला। अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक वे पूर्णतः सक्रिय रहे। आपने सभी को यही मूल मंत्र दिया कि व्यस्त रहो, स्वस्थ रहो और मस्त रहो।