दो हत्याओं ने उड़ा दी थी मुख्तार की नींद खाने में जहर देने का लगाया था आरोप
लखनऊ। आतंक और खौफ का पर्याय बन चुका मुख्तार अंसारी किसी से भय नहीं खाता था। उसका नाम ही दूसरों के लिये खौफ बन जाता था। पर, आठ जुलाई, 2018 की अल सुबह बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई और यह खबर जैसे ही पंजाब जेल में बंद मुख्तार अंसारी को पता चली तो उसे विश्वास ही नहीं हुआ।
जेल के ही कुछ अफसरों ने उसे जब बजरंगी की हत्या की वायरल फोटो दिखायी तो वह दहशत में आ गया था। वह टूट गया था। वजह थी कि मुन्ना बजरंगी उसका दाहिना हाथ था और उसे मुख्तार के पूरे नेटवर्क की जानकारी
पंजाब से यूपी आने तक इतना खौफ दिखा था
मुख्तार के करीबी ही दावा करते रहे थे कि जीवा की हत्या के बाद से जिस तरह से मुख्तार डरा सहमा रहने लगा है। इतनी दहशत उसके चेहरे पर तब दिखी थी जब उसे पंजाब जेल से कड़ी सुरक्षा में यूपी की बांदा जेल लाया गया था।
थी। बजरंगी की हत्या के बाद यहां तक अंडरवर्ल्ड में फैल गया था कि अब मुख्तार गिरोह और उसके विरोधियों के बीच गैंगवार होना तय है।
मुख्तार और उसके गिरोह के बेहद करीबी अन्य लोग यहीं पता करने में लगे कि बागपत जेल के अंदर सुनील राठी ने किसके इशारे पर बजरंगी को गोलियों से छलनी कर डाला। सबसे ज्यादा शक पूर्वांचल में उसके धुर
विरोधी रहे माफिया पर गया। इस माफिया के बेहद करीबी रहे एक पूर्व सांसद का भी नाम सामने आया। मुख्तार इसकी भरपाई कर पाता, तभी पिछले साल वर्ष 2023 में लखनऊ में पुराना हाईकोर्ट परिसर में मुख्तार के एक और बेहद करीबी शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई। जीवा की हत्या की खबर से मुख्तार रातों की नींद ही उड़ गई।
बाराबंकी। बीते 21 मार्च को मुख्तार
अंसारी पर चल रहे गैंगस्टर के मामले में बाराबंकी जेल में पेशी होनी थी। हालांकि बीमारी की वजह से मुख्तार अदालत में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पेश नहीं हो पाया था। इसके बाद उसके अधिवक्ता ने कोर्ट में आरोप लगाया था कि मुख्तार को जेल में जहर दिया गया है।
मुख्तार के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने उस वक्त एक पत्र कोर्ट में दिया था जिसमें मुख्तार ने कहा था कि उसे बांदा जेल में खाने में जहर दिया गया है। इसकी वजह से वह बेहद बीमार है। उसकी सारी नसों में दर्द हो रहा है। मुख्तार ने इससे पहले भी खाने में जहर देने की बात कही थी।