जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चंद्र ने रिमाउंट डिपो पहुंचकर स्वयं सुपर नेपियर घास की बुवाई
रिमाउंट डिपो पर ट्रेनी घोड़ों को मिलेगी सुपर नेपियर घास
रिमाउण्ट डिपो पर की जाएगी 50 एकड नेपियर रोपित
डीएम ने उपलब्ध कराया नेपियर घास का बीज
रिमाउंट डिपो के अधिकारियों ने बेजुबान पशुओं के लिए जिलाधिकारी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना एवं व्यक्त किया आभार
जिलाधिकारी ने की नेपियर घास के अधिक से अधिक उत्पादन की अपील
नेपियर घास एक पौष्टिक चारा जो बेजुबान पशुओं के स्वास्थ्य के लिए साबित हो रहा लाभप्रद
सहारनपुर , बेजुबान पशुओं के लिए हरे चारे की समुचित व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चंद्र ने रिमाउंट डिपो पहुंचकर अपने हाथों से सुपर नेपियर घास की बुवाई की। रिमाउंट डिपो में घोड़ों को ट्रेनिंग दी जाती है जिन्हे सेना एवं अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों की सेवाओं में प्रयोग किया जाता है। डीएम ने कहा कि नेपियर घास जैसी पोष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक घास मिलने से घोड़ों को बेहद फायदा होगा। उन्होंने कहा कि बेजुबान पशु बहुत संवेदनशील होते हैं वह अपने मालिक अपने राष्ट्र के प्रति वफादार होते हैं। उन्होंने बताया कि निराश्रित गौवंशो के लिए जनपद की सभी गौशालाओं और चरागाहों की भूमि के साथ साथ भारी मात्रा में किसानों द्वारा भी नेपियर घास की बुवाई की गई है। जिससे बेजुबान पशुओं को वर्षभर हरे चारे की उपलब्धता आसानी से हो रही है। डॉ0 दिनेश चंद्र ने बताया कि रिमाउण्ट डिपो पर 50 एकड़ भूमि पर नेपियर घास को रोपित किया जाएगा। डिपो पर बुआई के लिए बीज की उपलब्धता कराई गई है। डीएम ने कर्नल श्री नवदीप यादव और उनकी टीम द्वारा रिमाउंट डिपो के विकास और वहां पर रहने वाले घोड़ों की ट्रेनिंग के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। रिमाउंट डिपो के अधिकारियों द्वारा नेपियर घास के बीज उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उनके साथ उपजिलाधिकारी सदर युवराज सिंह सहित रिमाउंट डिपो के अधिकारी मौजूद रहे।
डॉ0 दिनेश चंद्र ने कहा कि कृषकों को नेपियर का बीज भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इच्छुक कृषक जिलाधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर सकते है। उन्होने सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि खेती के लिए उपयुक्त सार्वजनिक भूमि पर नेपियर घास का रोपण कराएं। उन्होंने जनपद के सभी कृषकों से नेपियर घास के अधिक से अधिक उत्पादन करने की अपील करते हुए अन्य कृषकों को भी प्रेरित करने की बात कही।
डॉ0 दिनेश चंद्र ने निर्देशित किया कि चारागाह की भूमि पर अधिक से अधिक नेपियर घास की बुआई की जाए। उन्होंने कहा कि नेपियर घास का उत्पादन वर्ष भर किया जा सकता है। इसके फायदे बताते हुए उन्होने कहा कि नेपियर घास का उत्पादन हरे चारे की निरंतर उपलब्धता के लिए आत्मनिर्भरता, विशेष रूप से पूरे वर्ष निराश्रित एवं आश्रित पशुओं के पौष्टिक आहार के रूप में बेहतर विकल्प है। ये एक पौष्टिक चारा है जोकि न केवल खाद्यान्न आवश्यकता को पूर्ण करेगा बल्कि गौवशों को स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
-----------------------