गरीबों के लिए भगवान बन गयी है अजीत प्रताप की देवदूत वानर सेना अबतक बचाई हजारो लोगो की जान,पढे़ खास रिपोर्ट।

गरीबों के लिए भगवान बन गयी है  अजीत प्रताप की देवदूत वानर सेना अबतक बचाई हजारो लोगो की जान,पढे़ खास रिपोर्ट।

ब्यूरो चित्रकूट-

बहुत से लोगो के मन में होगा की ये देवदूत वानर सेना है क्या? कैसे काम करती है? क्या करती है जो इस तरह की मदद हो जाती है। आइए जानिए देवदूत वानर सेना के विषय में जिसने अभी तक हजारों लोगो की मदद कर चुकी हैं, सोशल मीडिया के माध्यम से देवदूतों को खोज लेते हैं लगता है भगवान आसमान से उतर पड़े हो मदद के लिए।

मदद आन्या और वानर सेना।

चित्रकूट की बिटिया आन्या जिसको ब्लड कैंसर था उसके लिए आठ लाख की मुहिम में वानर सेना लगी और देखते देखते तीन दिन के अंदर में आठ लाख जुट गए।

कैसे हुई सुरूआत ?

क्या है वानर सेना ?

कौन है अजीत प्रताप ?

अजीत प्रताप 

करोना का जब संकट आया था लोग ऐक दूसरे से दूर भाग रहे थे तब सोशल मीडिया पे उभरा ऐक नाम अजित प्रताप सिंह।

अजित प्रताप सिंह पीसीएस अधिकारी है और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं, अपनी लेखनी और उत्साहित करने वाली बातो के कारण वो फ़ेसबुक पे एक चर्चित चेहरा हैं ।

कोरोना के समय इन्होंने फेसबुक से लोगो से अपील किया कि आइए मिलकर लोगो की मदद की जाय, जो आप कर सकते हैं आप करिए, बाकि लोगो से आप भी अपील करिए की मदद करें।

वानर सेना 

वानर सेना नाम के विषय में उन्होंने बताया कि जीतने भी जीव जंतु है उसमें से बंदर ही एसी अकेली जाति है जो संकट में पड़े अपने साथी को छोड़कर नही भागती, सब बंदर घेर कर मदद करते हैं और अन्य से मांगते भी हैं चिल्लाते भी है, मनुष्य का विकास बंदरो से हुआ है तो मदद का वह भाव हम लोगों के भी अंदर है इसलिए आइए मदद की जाय, उनकी यह अपील काम कर गई और देखते देखते इस अभियान से हजारों लोग जुड़ गए बाद मे लाखो लोग देश विदेश से जुड़े हुए हैं।

कैसे होती है लोगो की मदद 

कोरोना के समय वानर सेना द्वारा लगभग पचास हजार से अधिक लोगो को एडमिट कराना, आक्सीजन दिलाना, दवा और खून दिलाना शामिल रहा।

जब कोई मदद मांगता है तो उसे फेसबुक और वाट्सअप ग्रुप में उस व्यक्ति का नाम, उसका मोबाईल नम्बर और उसकी समस्या लिखकर अजित सिंह लोगो से अपील करते..

.... उड़ो देवदूतो उड़ो मदद करो, कोई संकट में है तुम्हें पुकार रहा है, मानवता को बचाने के लिए आपका आना जरूरी है यह परीक्षा की घड़ी है।

उनकी अपील इस तरह काम करती की अनजान आदमी के लिए अनजान लोग उतर पड़ते हैं खून देने के लिए, भर्ती कराने के लिए, दवा के लिए, देखते देखते वानर सेना विश्वास का नाम बन गई और पूरे भारत में चर्चित हो गई।

वानर सेना अभी तक फेसबुक से कम से कम दस हजार लोगो को ब्लड दिला चुकी होगी, हजारों लोगो को नौकरी दिला चुकी और कम से कम पच्चीस करोड़ रूपए मांग कर लोगो का इलाज करा चुकी।

जब किसी गरीब को इलाज के लिए पैसा नहीं होता और वानर सेना के पास मामला जाता है तो उसका पता लगाया जाता है, उसका खाता नम्बर, उसका पता उसका मोबाईल नम्बर लिख के एक पोस्टर बनता है और अपील की जाती है कि आइए दस बीस सौ रुपया देकर इसकी मदद की जाय।

अभी तक हजारों लोगो की मदद पैसे से की जा चुकी है, अजित सिंह और वानर सेना कहती है जिस गांब का मामला हो उस गांव के लोगो को जोड़ा जाय, अगल बगल के गांव के बाद जिले के लोग अभियान चलाए, लोगो से मांगे, एक रुपया भी बहुत है, पैसा सीधे मुसीबत में पड़े आदमी के खाते में जाता है इसलिए लोग और विश्वास करते हैं, उनका कहना है मेरा काम समाज में संकट को बताना है बाकि मदद समाज में बैठे देवदूत करते हैं।

कुछ अभियान जो बानर सेना द्वारा चलाए गए 

वानर सेना ने बड़े बड़े अभियान चलाए है, सुलतान पुर के लडके अनमय जिसको SMA टाइप वन की बीमारी थी और 16 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत थी उसके लिए अजित सिंह ने अपील किया की एक एक रुपए सड़क पर उतर कर मांगो देवदूतों और देखते देखते बीस दिन में तीन करोड़ रूपए जुटा लिया।

मऊ के कुशार्ग राय नाम के लडके को लिवर ट्रांसप्लांट कराना था तो वानर सेना ने अभियान चला कर एक हफ्ते में पच्चीस लाख जुटा दिए, इस तरह की हजारों कहानियां भरी पड़ी हैं आप अजित सिंह के फेसबुक पे देख सकते है नाम और मोबाईल नम्बर सहित।

मजेदार बात की हजारों लोगो को नौकरी लिख के दिला दिए, किसी को रेलवे में टिकट नही मिल रहा वो लिख दिए, मकान खोज दिए, गायब आदमी को लिख देते हैं तो मिल जाता है, कई बार खोई हुई गाड़ी पोस्ट कर देते हैं तो मिल जाता है।

मजाक मजाक में येक लोगो का कुत्ता गायब था लिख दिए तो आंधे घंटे के अंदर एक फोन आ गया की ये कुत्ता इस गांव में इनके घर के अंदर है।

विदेश में फंसे लोगो की मदद वानर सेना कई बार कर चुकी है, ओमान में फसे एक मुस्लिम लड़के जिसका घर सुल्तानपुर था उसके लिए तीन लाख जुटा कर जुर्माना भर दिए और भारत वापस आया।

चित्रकूट में वानर सेना ने कई अभियान चलाए, एक पण्डित जी का घर नही था उसके लिए अपील करके मदद जुटाई गई, इस तरह बहुत से केस हैं।

जौनपुर के रहने वाले अजित प्रताप सिंह की पढ़ाई इलाहबाद विश्विधायल से हुई और इनके साथ बहुत से अधिकारी इनकी वानर सेना में जुड़े हैं जो लोगो की मदद करते रहते हैं।

आज के समय वानर सेना विश्वास का दूसरा नाम है, बिना जाति धर्म के भेद भाव के मदद करने वाली इससे बड़ी कोई संस्था नही है, अजित सिंह का कहना है अगर जाति और धर्म की बात करनी है तो संकट में पड़े आदमी के साथ करिए, उसकी मदद करके यह भावना दिखाइए, कटुता के लिए जाति नही बनी है, मिलकर मदद के लिए बनी है।