हवन यज्ञ और भंडारे के साथ हुआ श्रीमद् भागवत कथा का समापन

हवन यज्ञ और भंडारे के साथ हुआ श्रीमद् भागवत कथा का समापन

संवाददाता शशि धामा

खेकड़ा।कस्बे के अहिरान शिव मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का विश्व शांति और सर्वकल्याण की कामना से सोमवार को समापन हो गया। समापन पर हवन यज्ञ और विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया।

कस्बे के अहिरान स्थित प्राचीन शिव मंदिर में महिला कीर्तन मंडली भूमिया धाम के तत्वाधान में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का सोमवार को समापन हो गया। कथा व्यास योगेश कौशिक महाराज ने कहा कि, आत्मा को जन्म व मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा। हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मन वांछित फल प्रदान करते हैं। कहा कि, श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथा के समापन पर श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ की आरती उतारी तथा यज्ञ में आहुति दी। विशाल भंडारे में सभी ने श्रद्धा पूर्वक प्रसाद ग्रहण किया।