कमरे में पार्टी...दोस्त की पीटकर हत्या

एसीपी नौबस्ता अभिषेक पांडेय ने बताया कि हत्या से पहले पूरी रात चारों आरोपियों ने रामनारायण को पीटा। आवाज न निकाल सके, इसलिए उसके मुंह में काफी कपड़ा ठूंस दिया। पिटाई के दौरान ही उसकी मौत होने पर उसे कमरे में छोड़ दिया था। नौबस्ता थानाक्षेत्र में पुराने विवाद में चार युवकों ने अपने ही दोस्त की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इसके पहले उन्होंने कमरे में ही दारू पी। हत्या के बाद आरोपियों ने करीब बारह घंटे तक शव को घर के किचन में ही छिपाए रखा। मां की शिकायत पर चौकन्नी हुई पुलिस ने चंद घंटे में ही चारों को गिरफ्तार कर केस का खुलासा कर दिया।

कमरे में पार्टी...दोस्त की पीटकर हत्या

 


विजयनगर निवासी रामनारायण (30) 24 सितंबर की रात अपने दो दोस्तों मछली मंडी विजयनगर निवासी रंजीत और हनुमंत विहार निवासी अंकित उर्फ गोविंद के साथ घर से निकला लेकिन रात में नहीं लौटा। वह ढोल बजाता था इसलिए कभी कभी रात में नहीं आता था।

इसी कारण मां बच्चन देवी ने तनाव नहीं लिया। हालांकि जब सुबह करीब दस बजे तक उसकी कोई जानकारी नहीं मिली तो मां, बेटे की तलाश करते हुए रंजीत के विजयनगर स्थित आवास पहुंची। रंजीत ने बताया कि सभी रात में वाई ब्लॉक किदवईनगर में सुशील शुक्ला उर्फ बउवा के घर पर शराब पी रहे थे। आपस में झगड़ा होने के बाद वह घर चला आया।

सख्ती से पूछताछ की, तो हत्या की बात कबूली
इस पर रामनारायण की मां, सुशील के घर पहुंची जहां परिवार वालों ने उन्हें भगा दिया। इसी के बाद वह नौबस्ता थाने पहुंच गई। पुलिस ने सुशील, रंजीत और अंकित से सख्ती से पूछताछ की, तो हत्या की बात कबूल कर ली। बताया कि पुराने विवाद में रातभर पीटा था। इसी में उसकी जान चली गई। घर की तलाशी ली, तो तीसरी मंजिल पर बने किचन में उसका शव मिला।

फरार चौथे आरोपी को भी किया गिरफ्तार
उसके पास में ही एक बक्सा पड़ा था। एडीसीपी दक्षिण अंकिता शर्मा ने बताया कि भाई सूरज की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज कर फरार चौथे आरोपी धरीपुरवा निवासी शिवम बाल्मीकि को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में गिरफ्तारी करने वाली टीम में इंस्पेक्टर वरुण प्रताप सिंह, एसआई जयवीर, राजेश, वीरेश, कांस्टेबल सौरभ पांडेय शामिल थे।

हत्या के आरोप में जेल जा चुके हैं सुशील और रंजीत
एडीसीपी ने बताया कि सुशील अपने मौसा की हत्या के मामले में 2011 में जेल जा चुका है। वह तो जेल से छह महीने में छूट गया लेकिन रंजीत करीब सात साल तक जेल में रहा। ऐसा इसलिए था, क्योंकि रंजीत मूल रूप से बिहार का रहने वाला है और उसके पास कानपुर में कोई जमानत लेने वाला नहीं था। जब केस खत्म हुआ और मामले के सभी आरोपी जेल से रिहा हुए तो रंजीत भी जेल से बाहर आया।

25 की रात शव को लगाना था ठिकाने
एसीपी नौबस्ता अभिषेक पांडेय ने बताया कि हत्या से पहले पूरी रात चारों आरोपियों ने रामनारायण को पीटा। आवाज न निकाल सके, इसलिए उसके मुंह में काफी कपड़ा ठूंस दिया। पिटाई के दौरान ही उसकी मौत होने पर उसे कमरे में छोड़ दिया था। अगर पीड़ित परिवार पुलिस के पास समय से सूचना न देता तो आरोपियों ने शव को एक बक्से में भरकर ठिकाने लगाने की योजना बना ली थी।

शराब से शुरू हुआ झगड़ा शराब पीकर हुआ खत्म
शराब पीने के दौरान ही करीब सात महीने पहले रामनारायण और रंजीत का झगड़ा हुआ था। उस समय रामनारायण, रंजीत पर भारी पड़ा और पीटकर भगा दिया। इसके बाद से ही उनके बीच मनमुटाव हो गया। हालांकि अन्य दोस्तों के समझाने पर समझौता हो गया लेकिन जहन में दबी रही बदले की आग ने 24 सितंबर की रात विकराल रूप ले लिया।

सिर पर भारी वस्तु के हमले से हुई हत्या
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर भारी वस्तु से हमले से राम नारायण की हत्या की बात सामने आई है। किसी पत्थर या वजनदार वस्तु के हमले की वजह से सिर की दो हड्डियां टूट गईं और कोमा में जाने से उसकी मौत हो गई। इसके साथ ही शरीर पर 17 चोटों के निशान मिले हैं। उसकी पीठ, हाथ, कमर, सीने और दोनों पैरों में लाठी-डंडों से पीटे जाने के निशान मिले हैं। हत्यारों ने उसे भूखा रखा, जिसके कारण उसके पेट में खाना तक नहीं मिला।