दिल्‍ली में 2 दिनों तक बंद रहेंगे सभी प्राइमरी स्‍कूल, सरकार का वायु प्रदूषण को लेकर फैसला

दिल्‍ली में 2 दिनों तक बंद रहेंगे सभी प्राइमरी स्‍कूल, सरकार का वायु प्रदूषण को लेकर फैसला

नई दिल्‍ली. बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए गुरुवार को दिल्ली के सभी सरकारी और निजी प्राइमरी स्‍कूल अगले 2 दिनों तक बंद रहेंगे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करके यह जानकारी दी है. प्रदूषण नियंत्रण पैनल ने स्‍कूल बंद करने और ऑनलाइन क्‍लासेस चलाने की सिफारिश थी. केंद्र सरकार (Central Government) के प्रदूषण नियंत्रण पैनल ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब पहुंच गया है.

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर के मद्देनजर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को दोपहर 12 बजे सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है जिसमें GRAP-3 को कड़ाई से लागू कराने को लेकर चर्चा होगी. दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप-3 की पाबंदी लागू कर दी गई गई हैं जिसके चलते आवश्यक सरकारी परियोजनाओं, खनन और पत्थर तोड़ने को छोड़कर निर्माण और विध्वंस कार्य पूरी तरह से बंद रहेंगे. इसके अलावा दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के कामर्शियल व्‍हीकल और डीजल वाले ट्रकों और मध्यम और भारी माल वाहनों (आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों को छोड़कर) के एंट्री पर बैन रहेगा.

दिल्ली के आनंद विहार में AQI 999 तक पहुंचा
मौसम एजेंसी aqicn.org ने बताया कि दिल्ली के आनंद विहार में AQI 999 तक पहुंच गया है. वहीं नोएडा के सेक्टर 62 में यह 469 दर्ज किया गया. एजेंसी के मुताबिक, दिल्ली की ज्यादातर जगहों पर AQI 500 के ऊपर ही रहा. दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की चेतावनी दी है. यह चिंताजनक इसलिए है क्योंकि कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक पहले ही 400 से अधिक है. उधर स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा तथा फेफड़ों से संबंधित समस्याएं बढ़ सकती हैं.

15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर रहने की आशंका
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के एक विश्लेषण के अनुसार, राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है, क्योंकि इस समय पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले बढ़ जाते हैं. पंजाब सरकार का लक्ष्य, इस साल सर्दियों में पराली जलाने के मामलों में 50 प्रतिशत तक कमी लाना है और छह जिलों में इन मामलों को पूरी तरह खत्म करना है, जिनमें होशियारपुर, मलेरकोटला, पठानकोट, रूपनगर, एसएएस नगर (मोहाली) और एसबीएस नगर शामिल हैं.