कलेक्ट्रेट परिसर में मिट्टी के दीपक व बर्तनों का लगा स्टाल, डीएम ने की प्रशंसा

कलेक्ट्रेट परिसर में मिट्टी के दीपक व बर्तनों का लगा स्टाल, डीएम ने की प्रशंसा

संवाददाता नीतीश कौशिक

बागपत ।कच्चे माल के रूप में मिट्टी से मूर्तियां, खिलौने, बर्तन इत्यादि वस्तुएं बनाने का प्रचलन भारत में सदियों से रहा है। प्रदेश में अब भी माटीकला के शिल्पी अपने परम्परागत उद्यम में लगे हुए हैं  जबकि विकल्प के रूप में प्लास्टिक उत्पादों के बढते प्रयोग से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, इसको ध्यान में रखते हुए प्राचीन कला को संरक्षित करने, माटी से निर्मित वस्तुओं को बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप आम जन तक पहुंचाया जा रहा है।

दीपावली पर्व के दृष्टिगत माटीकला का एक स्टाल कलैक्ट्रेट परिसर में माटीकला शिल्पी खेकड़ा निवासी संजय द्वारा माटीकला उत्पादों की बिक्री हेतु लगाया गया है। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा स्टाल पर आकर सभी उत्पादों को देखा और सराहनीय बताया, साथ ही मिट्टी के दीपक का उपयोग करने के लिए सभी को प्रोत्साहित किया गया । उन्होंने कहा मिट्टी के दीये व बर्तनों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। कहा कि,मिट्टी के ये उत्पाद, पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाले प्लास्टिक उत्पादों की रोक का एक विकल्प भी है।