करोडों की बेशकीमती सरकारी भूमि पर हो रहे मिट्टी भराव कों रोका

अधिशाषी अधिकारी एक्शन मोड़ में

करोडों की बेशकीमती सरकारी भूमि पर हो रहे मिट्टी भराव कों रोका

करोडों की बेशकीमती सरकारी भूमि पर हो रहे मिट्टी भराव कों रोका

सवांददाता - अवनीश शर्मा 

- करीब चालीस साल पहले लघुउध्योग लगाने के लिये किया गया था सरकारी भूमि का पट्टा

- सरकारी भूमि पर नही होने दिया जायेगा कब्जा- अधिशासी अधिकारी

थानाभवन नगर के चरथावल तिराहे पर स्थित करोडों की बेशकीमती भूमि पर कई दिनों से रुक-रुक कर कुछ लोग मिट्टी से भराव कर रहे है। जिसको लेकर थानाभवन नगर निवासी इरशाद पुत्र इसरार ने एडीएम शामली संतोष सिंह कों एक प्रार्थना पत्र देते हुये सरकारी भूमि के खसरा नम्बर 202-203 पर हो रहे भराव व कब्जे कों रोकने की माँग की थी। शिकायत के बाद हरकत में आये आला अधिकारियों ने शिकायत से सम्बंधित दस्तावेजों कों खंगालना शुरू किया तो जानकारी मिली की खसरा नम्बर 202 जो पूर्व में बंजर की भूमि थी उस पर वर्ष 1980 के करीब ब्रजभूषण शर्मा के व्यक्ति के नाम पर लघुउद्धोग लगाने के लिये पट्टा किया गया था। वर्षों बित जाने के बाद भी नियमों के अनुसार उक्त भूमि पर कोई भी लघुउद्योग नही लगाया गया है। पट्टा धारक पूर्व में भी कई बार उक्त सरकारी भूमि कों बेचने का प्रयास कर चुका है। सूत्रों की माने तो नगर वर्षों पूर्व नगर पंचायत से साठ-गाठ करके पट्टा धारक एडीएम कोर्ट में अदम पेरवी में नगर पंचायत से मुकदमा भी जीत चुका है। सम्पत्ति की कीमत करोडों में होने के कारण यह जमीन हमेशा विवादों से बहार नही निकल पायी है। दो दिन पूर्व क्षेत्र के फूसगढ़ गाँव निवासी दीपक चौधरी के द्वारा उक्त भूमि पर कब्जा व भराव शुरू करने के बाद एक युवक की शिकायत पर कार्यवाही करते हुये एडीएम शामली संतोष कुमार सिंह ने हो रहे मिट्टी भराव कों रुकवाकर अधिशासी अधिकारी थानाभवन कों उक्त भूमि यथास्थित बनाये रखने का आदेश जारी किया है।

 

इस सन्दर्भ में अधिशासी अधिकारी जितेन्द्र राणा ने बताया की उच्चाधिकारियों के आदेश पर खसरा नम्बर 202 व 203 कब्रिस्तान की भूमि पर हो रहे भराव कों रुकवा दिया है। प्रथम दृश्य सम्बंधित जमीन नगर पंचायत की है। जाँच के बाद अधिकारियों के आदेश के बाद आगे की कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। पुलिस ने कार्यवाही करते हुये मौके पर मौजूद फूसगढ़ निवासी दीपक चौधरी कों हिरासत में लिया है।

- ये इश्क नही आसान आग का दरिया है, डूबकर जाना है 

करोडों की इस बेशकीमती भूमि पर कोई बार राजनीति के धुरंधर कई बार कब्जे का प्रयास कर चुके है मगर अभी तक कोई भी कामयाब नही हो पाया है।