सुपरस्टार्स को देखने की चाह में नव पीढ़ी भूल रहीं भारतीय संस्कृति:हिमांशु कुशवाहा

सुपरस्टार्स को देखने की चाह में नव पीढ़ी भूल रहीं भारतीय संस्कृति:हिमांशु कुशवाहा

वर्तमान समय की नव पीढ़ी सुपरस्टार्स के किसी कार्यक्रम में आने से ही अपना ख्याल भूल जाती है, वहीं इसके अलावा भारतीय संस्कृति भी भूल जाती हैं,नव पीढ़ी को परवाह नहीं, मौसम की कड़कड़ाती ठंड हो या चील चिलाती गर्मी। वर्तमान समय अब इतना बदल गया है कि लड़का हो या लड़की सुपरस्टार की चाह में खुद भी सुपरस्टार की तरह दिखने के लिए सजते सवर्ते हैं। वहीं पापा की लाडली परियां भी किसी से कम नहीं दिखाई पड़ती। वह बेपरवाह होकर पेड़ के बीच से उड़ी हुई छाल की तरह शॉर्ट ड्रेस में कार्यकम का आनंद लेने में मन मस्त हो जाती हैं, और भूल जाती हैं की वह अपने साथ खिलवाड़ कर रही हैं। इस तरह हजारों लड़कों के बीच में लड़कियों का शॉर्ट ड्रेस पहन के आना क्या मेहफूज हैं? नहीं! पार्टी में कुछ शरारती तत्वों की तरह कुछ लड़के झुंड बना कर घूमते हैं, और अकेली लड़की को देख अशलील हरकत करने पर उतारू होते हैं, शायद वो ये नहीं जानते की जिस तरह से वो हरकत कर रहे हैं कल को वो भी कभी एक बेटी के बाप हो सकते हैं। वहीं कुछ लड़के लड़कियां एक साथ रहकर मदिरा का आनंद लेते हैं, तो काफी अपने फेफड़ों को जलाने के लिया धूम्रपान दंडिका (सिगरेट),हुक्का आदि नशीले पदार्थों का आनंद लेते हैं, और इन सब के बीच वो इतने मन मस्त हो जाते हैं की वह अपनी संस्कृति और सही गलत का फर्क भूल जाते हैं, और गिरते पड़ते इधर उधर धिरकते नजर आते हैं। फिर देर रात तक चलने वाले कार्यक्रम से वापस अपने घर को जाने के लिए घंटों तक सुनसान एवं अंधेरी सड़क किनारे वहान का इंतजार करते हैं। वहीं वहान ना मिलने पर पैदल चलना उचित समझते हैं तो उस वक्त शरारती तत्व, राहगीर, स्नेचर, माहौल को देखते हुए बहती गंगा में हाथ धो जाते हैं। वहीं बात करें धार्मिक कार्यक्रमों की तो वहां जाने से अधिकांश लड़के लड़कियां कतराते हैं। और वहीं सुपरस्टार्स जेसे कलाकारों के लिए देर रात तक आखें गड़ाए रहते हैं। इसके माध्यम से मेरा तात्पर्य यह हैं की हमको देर रात तक होने वाले कार्यक्रमों में इस तरह से नहीं रुकना चाहिए। अगर रहें तो होशो ओ हवास में रहें। ताकि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद हम सुरक्षित अपने यथा स्थान तक पहुंच सकें। और पहनावे को लेकर अपनी भारतीय संस्कृति ध्यान में रखें।

मंडल ब्यूरो अनिल चौधरी