शामली। मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान संस्था ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। जानकारी के अनुसार गुरुवार को संस्था के पदाधिकारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गयी है कि मजदूर विरोधी चार नई श्रम संहिताओं को वापस लिया जाए, मजदूरों के हित में श्रम कानूनों में सुधार किया जाए, सभी मजदूरों के लिए श्रम कानूनों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए, सरकारी उद्यमों और सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सभी बुनियादी क्षेत्रों और सेवाओं का राष्ट्रीयकरण किया जाए, सभी के लिए स्थायी और सम्मानजनक रोजगार तथा आय की व्यवस्था की जाए, ठेका व्यवस्था और श्रम के अनौपचारीकरण पर रोक लगाई जाए, स्कीम वर्करों, आशा, आंगनवाडी, भोजन माता आदि को सरकार कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, घरेलू कामगार, आईटी श्रमिक, गिग वर्कर को मजदूर का दर्जा देकर सभी को श्रम कानूनों की सुरक्षा और सम्मानजनक वेतन दिया जाए, ग्रामीण मजदूरों के लिए सालभर काम, सामाजिक सुरक्षा तथा सम्मानजनक वेतन, ग्रामीण परिवार के प्रत्येक सदस्य को सालभर में कम से कम दो सौ दिन के मनरेगा काम की गारंटी दी जाए, काम न दिए जाने पर बेरोजगारी भत्ता दिया जाए, एक हजार रुपये रोज मनरेगा मजदूरी दी जाए इसके लिए बजट में पर्याप्त राशि रखी जाए। यूनियन बनाने ओर संगठित होने का अधिकार तथा हडताल प्रदर्शन का अधिकार सुनिश्चित किया जाए। इस मौके पर कमल धीरानिया, शिवम, रुपक कुमार, सिद्धार्थ पवार, लवकुश, नितिन, मनोज प्रधान सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।