जैन आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज द्वारा महाराष्ट्र में समाधि वरण ,जैन समाज स्तब्ध

जैन आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज द्वारा महाराष्ट्र में समाधि वरण ,जैन समाज स्तब्ध

संवाददाता आशीष चंद्रमौलि

बडौत। 350 से ज्यादा जैन दीक्षा प्रदाता विशाल संघ के जननायक गणचार्य श्री विरागसागर जी महाराज ने ली समाधि। गुरुवार को सुबह 3 बजे महाराष्ट्र के जालना शहर के नजदीक देवमूर्ति ग्राम, सिंदखेड़ राजा रोड पर समाधि लिए जाने की सूचना पर नगर व जनपद का जनसमाज स्तब्ध व शोकाकुल। मुनि श्री का अंतिम डोला सुबह 11 बजे, अक्षय मंगल कार्यालय, पाटनी फार्म परिसर से देवमूर्ति ग्राम में पहुँचा और समूचे जैन समाज ने अश्रुपूर्ण नयनों से उन्हे अंतिम विदाई दी। उनकी अंतिम यात्रा में अनेक मुनि, आर्यिकाओ सहित हजारो की संख्या मे जैन श्रधालु उपस्थित रहे।
     
आचार्य श्री की समाधि का समाचार सुनते ही बड़ौत का जैन समाज स्तब्ध रह गया । श्री अजितनाथ दिगंबर जैन मंदिर कमेटी एवं बड़ौत दिगंबर जैन समाज समिति की ओर से आचार्य श्री को श्रद्धांजलि दी गयी। मीडिया प्रभारी वरदान जैन ने बताया कि ,बड़ौत नगर पर आचार्य श्री का विशेष आशीर्वाद वर्ष 2006 से लगातार बना रहा है। गत वर्ष 2023 मे दिगंबर जैन समाज समिति के तत्वाधान मे ऐतिहासिक चातुर्मास करने वाले, आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज भी, आचार्य श्री विराग सागर जी के ही शिष्य हैं तथा इस वर्ष भी बड़ौत के श्री अजितनाथ मन्दिर मेंआगामी चातुर्मास करने वाले, मुनि श्री विशुभ्र सागर जी महाराज के आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज दादा गुरु हैं।नगर के विद्वान,व्याख्यान वाचस्पति डॉ श्रेयांश कुमार जैन ने आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के संबंध में बताया कि आचार्य श्री ने श्रमण संस्कृति को बहुत आगे बढ़ाया।