डम्पिंग ग्राउंड में किसानों ने अपनी सम्पत्ति बता कूड़ा डालने से रोका, अधिशासी अधिकारी ने दी कानूनी कार्यवाही की चेतावनी
संवाददाता शमशाद
रटौल | चयनित जमीन पर कस्बे का कूड़ा डालने को रोकने की घटना को लेकर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी व सरफाबाद के ग्रामीणों में ठनी | ईओ ने जहां उक्त चयनित भूमि पर कूड़ा डालने से रोकने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की चेतावनी दी है वहीं ग्रामीणों ने बताया कि, भूमि से संबंधित मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है | दूसरी ओर इस सबके चलते कस्बे के लोगों को सफाई व्यवस्था के चरमराने की आशंका सताने लगी है |
आबादी के समीप कूड़ा डालने के विरोध के चलते लहचौडा मार्ग पर नगर पंचायत की भूमि पर कूड़ा डालने के लिए भूमि चयनित की गयी थी, जिस पर नगर पंचायत के कर्मचारी कूड़ा डालने पहुंचे, तो किसानों ने उनका विरोध किया और कूड़ा डालने से मना कर दिया | किसानों का कहना है, उक्त जमीन का मामला कोर्ट में विचारधीन है।
रटौल ईदगाह के समीप और गांव से मात्र 50 मीटर की दूरी पर गन्दगी के ढेर लगे हैं,जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है | ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए ईओ विरज सिह त्रिपाठी ने प्रशासन से रटौल के कूडा़ निस्तारण के लिए जमीन मांगी थी ,जिस पर 6 माह पहले खेकडा तहसील प्रशासन ने लहचौडा मार्ग पर डम्पिंग ग्राऊंड बनाने के लिए एलएमसी की जमीन चिन्हित कर नगर पंचायत रटौल को दी गयी थी ,तब वहां रटौल नगर पंचायत का बोर्ड भी लगा दिया गया था,जिसका सरफाबाद के किसानों ने उक्त जमीन को अपना बताते हुए विरोध जताया था |
गुरुवार को जब नगर पंचायत के कर्मचारी लहचौडा मार्ग पर कूडा़ डालने पहुंचे ,तो किसानों ने अपनी जमीन बताते हुए कर्मचारियों को कूडा़ डालने से मना कर दिया | सरफाबाद के किसान मोहित ने बताया कि, उक्त जमीन पर 1990 से मुकदमा चला आ रहा है,चकबंदी के समय प्रशासन की गलती के कारण उनकी जमीन एलएमसी की जमीन मे दर्शा दी गयी थी, जिसका कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन है, इसलिए कूड़ा डालने को लेकर वह विरोध करेंगे | उधर ईओ विरज सिह त्रिपाठी ने बताया कि, उक्त जमीन खेकडा तहसील प्रशासन द्वारा नापतौल कर डम्पिंग ग्राऊंड के लिए दी गयी है,जो सरकारी भूमि है ,अगर कोई कर्मचारियों को रोकने का प्रयास करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी |