परिषदीय स्कूलों को मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा गोद लिए जाने की नीति बदले सरकार

परिषदीय स्कूलों को मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा गोद लिए जाने की नीति बदले सरकार

सरकार की युग्मन योजना में निजीकरण के प्रयास का आभास होते ही करेंगे विरोध : विकास मलिक

बागपत |प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूलों को आपस में जोड़ा जायेगा, जिसके तहत शैक्षिक गतिविधियों के आदान-प्रदान के लिए परिषदीय स्कूलों को मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों से जोड़ा जायेगा | शिक्षक नेता सरकार की इस नीति को चोर दरवाजे से शिक्षा के निजीकरण की पहली सीढ़ी बता रहे हैं |

गत दिवस प्रमुख सचिव दीपक कुमार द्वारा जिलाधिकारियों को भेजे गये पत्र में इस नीति के क्रियान्वयन के लिए समिति बनाने के भी निर्देश दिए हैं, जिनमें जनपद की तीन प्रख्यात निजी शिक्षण संस्थान से संबद्ध पदाधिकारी होंगे | पत्र में बताया गया है कि,निजी संस्थान और सरकारी विद्यालय  एक-दूसरे के यहां उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे | उनकी यह साझेदारी मेंटरशिप प्रोग्राम के तहत होगी | इस योजना के तहत प्रतिष्ठित संस्थाओं, विवि व उच्च शिक्षण संस्थानों को परिषदीय स्कूलों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा |

सरकार की इस नीति के संबंध में उप्र जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विकास मलिक ने कहा कि, बेसिक विद्यालयों का युग्मन या पेयरिंग निजी संस्थानों से करने की बजाय, बेसिक शिक्षा के विद्यालयों को सरकार समस्त शैक्षिक संसाधनों से परिपूर्ण करे |

कहा कि ,युग्मन करने या गोद देने की बजाय, निजी शैक्षिक संस्थानों द्वारा अपने विद्यार्थियों के माध्यम से अर्जित होने वाली अतिरिक्त आय से अपने निकट के बेसिक विद्यालयों में आवश्यकतानुसार विभिन्न शैक्षिक उपकरण एवं संसाधन उपलब्ध कराए सरकार।साथ ही कहा कि, यदि यह युग्मन /पेयरिंग योजना, बेसिक शिक्षा के निजीकरण का प्रयास है ,तो समस्त बेसिक शिक्षक इसका विरोध करेंगे |