बछरावां के एक निजी अस्पताल ने शनिवार को फिर निगली जच्चा बच्चा दोनों की जिन्दगी।

बछरावां के एक निजी अस्पताल ने शनिवार को फिर निगली जच्चा बच्चा दोनों की जिन्दगी।

रमेश बाजपेई 

बछरावां रायबरेली। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व्यवस्थाओं को चाक चौबंद बनाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पताल तक लेकिन कस्बा बछरावां में कुकरमुत्तो की तरह फैले प्राइवेट अस्पताल पर स्वास्थ्य मंत्री के मंसूबों पर पानी फेरने का काम किया जा रहा है। जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था वे पटरी हों चुकी है। एक तरफ जहां मानक के विपरीत अस्पतालों की आमद हो गई है वही ऐसे प्राइवेट अस्पताल सिर्फ लूट घसूट का अड्डा बने हुए हैं। ताजा मामला बछरावां थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले श्री आर के चौधरी हॉस्पिटल का है परिजनों के मुताबिक एक महिला को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया जाता है उसके बाद उनके परिजनों से कहा जाता है कि महिला की प्लेटलेट्स बहुत कम है वो चढ़ाना पड़ेगा हॉस्पिटल अपनी मनमानी करता है मरीज से पैसे भी वसूलते है और इलाज में लापरवाही भी दिखाते है जिसकी वजह से जच्चा और बच्चा की शनिवार को देर रात मौत हो जाती है। बछरावां कस्बे की जनता स्वास्थ्य महकमे के करता धरता से सवाल पूछती है कि बछरावां कस्बे में बरसाती मेंढकों की तरह खुल रहे निजी अस्पताल क्या मानक पूरा करते हैं और यदि मानक विहीन है तो खोलने की इजाजत कौन देता है।जो आये दिन मरीज व तीमारदारों के साथ धोका कर रहे हैं। इसका जिम्मेदार कौन है। वहीं मृतका खुशबू के पति संजय निवासी राजामऊ थाना बछरावां ने थाने में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।