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नई दिल्ली:
नई दिल्ली। 18 नवंबर को वायु सेना कमांडरों के सम्मेलन में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने वरिष्ठ वायु सेना अधिकारियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने सीमाओं पर मौजूदा सुरक्षा स्थिति का विश्लेषण प्रस्तुत किया और भारतीय सेना के प्रमुख फोकस क्षेत्रों पर जोर दिया।
भविष्य की चुनौतियों के लिए सेना को तैयार करने पर जोर
“भविष्य के लिए तैयार सेना को आकार देने की दिशा में प्रयास” विषय पर अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने बल पुनर्गठन, आधुनिकीकरण और प्रौद्योगिकी के उपयोग को सेना के परिवर्तन के तीन महत्वपूर्ण स्तंभों के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एक मजबूत और आधुनिक सेना के निर्माण के लिए सभी सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता और एकीकरण आवश्यक है।
उन्होंने डिजिटल, नेटवर्क और स्वचालित प्रणालियों के साथ-साथ प्रभावी मानव संसाधन प्रबंधन के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों और संयुक्तता पर आधारित रणनीतियाँ न केवल सेना को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएंगी, बल्कि भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होंगी।
तीनों सेवाओं के बीच बढ़ रहा है तालमेल
सेना प्रमुख ने सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं के बीच संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण की बढ़ती आवृत्ति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने इसे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग और एकता का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उनका कहना था कि ऐसे प्रयास भारत को 'विकसित भारत@2047' के दृष्टिकोण के अनुरूप मजबूत और सक्षम बनाएंगे।
जनरल द्विवेदी ने सम्मेलन में उपस्थित अधिकारियों से अपील की कि वे तालमेल और संयुक्तता के साथ भारतीय सेना को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध रहें। उनका यह संबोधन सेना को आधुनिकीकरण और समन्वय की ओर एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है।
UPNO.1NEWS Apr 4, 2024