उ.प्र विधान सभा उप चुनाव-सीधी टक्कर में भाजपा-स.पा,बसपा तीसरे पायदान पर

उ.प्र की रिक्त विधानसभा सीटों पर कल 9 सीटों के लिए 49.3 प्रतिशत् मतदान हुआ।कानपुर की सीसामऊ विधानसभा की रिक्त सीट पर भाजपा के सुरेश अवस्थी की सीधी टक्कर सपा की नसीम सोलंकी से रही वहीं बसपा तीसरे स्थान पर रहीं।

उ.प्र विधान सभा उप चुनाव-सीधी टक्कर में भाजपा-स.पा,बसपा तीसरे पायदान पर

महेंद्र राज (मण़्डल प्रभारी)

सीसामऊ सीट के लिए उपचुनाव में मतदान के बाद उभरी तस्वीर में भाजपा व सपा के बीच करीबी टक्कर हुई। बसपा त्रिकोणींय संघर्ष का खाका खींचने मे लगभग नाकाम रही।मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में न केवल सपा की साइकिल खूब दौड़ी,बल्कि भाजपा के भी बस्ते लगने से भगवा झंडे लहराते दिखे।मतगणना के बाद आने वाले परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं।

एक ओर जहाँ हिंदू बहुल्य क्षेत्रों में भाजपा ने तगड़ी पकड़ बनाई।वहीं सपा के बस्तों में भी लोग नजर आए।आश्चर्य जनक यह भी था कि इन क्षेत्रों में बसपा के बस्ते तक नहीं लग सके।

उपचुनाव में भाजपा से सुरेश अवस्थी,सपा से नसीम सोलंकी व बसपा से वीरेंद्र कुमार मैदान में ताल ठोंक रहे थे। प्रचार से लेकर मतदान तक भाजपा,उसका संगठन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर मंत्री,सांसद तथा विधायकों ने आक्रमक रुख अपना घर-घर दस्तक देकर बूथों तथा पन्ना प्रमुखों की रणनीति पर कार्य किया।

सपा ने भी मुस्लिम क्षेत्रों के साथ ही हिंदू इलाकों में भी प्रचार में कसर नहीं छोड़ी।सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सियासत के महारथी माने जाने वाले शिवपाल सिंह यादव,सांसद डिंपल यादव के साथ ही दूसरे नेता डटे रहे। वहीं दूसरी ओर बसपा प्रचार से ही पिछड़ गई। उसकी कोई बड़ी रैली तक नहीं हुई।दलित बस्तियों में प्रचार के बाद भी मतदान के दिन उसके पक्ष में कोई खास रौनक नहीं दिखी।

भाजपा-सपा के प्रत्याशी सियासती अखाड़े में क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल,संदीप ठाकुर,अनूप तिवारी,नव तिवारी के साथ प्रत्येक बूथ घूम कर विधिवत् डटे रहे। प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी मानवेंद्र सिंह,पूर्व विधायक अजय कपूर,विधायक अभिजीत सिंह सांगा भी विजय रथ की कमान संभाले रहे।इसी तरह सपा में सुनील साजन रात दिन एक किए रहे।प्रदेश सचिव आशीष चौबे टीम के साथ बूथों पर मुस्तैद नजर आए।

क्या भाजपा 28 साल बाद इस सीट पर थामेगी सपा के विजय रथ का पहिया?या बचेगी सपा की साख!

मतदान के बाद अब 23 नवंबर को मतगणना पर सबकी निगाह टिक गई है।इस बात को ले कर सियासती रणनीतिकारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या भाजपा 28 साल बाद इस सीट पर अपना  कमल खिला पाएगी? अथवा सपा अपना वर्चस्व कायम रखेगी।

मतदाताओं की ख़ामोशी कौतूहल का विषय

बुधवार सुबह कोहरे और सर्द हवाओं के बीच मतदाता खामोशी की चादर ओढ़कर घर से निकले। वोट डाला और फिर घर चले गए। सुबह के बाद मौसम थोड़ा सामान्य हुआ और शाम को फिर हल्की सर्दी हुई, लेकिन मतदाताओं ने खामोशी की चादर नहीं उतारी। मतदान के बारे में प्रतिक्रिया देने से बचते रहे।किसी तरह का कोई रुख नहीं झलकने दिया।