आस्था मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की ऊपरी मंजिल में भीषण आग, कोई कैजुएल्टी नहीँ

आस्था मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की ऊपरी मंजिल में भीषण आग, कोई कैजुएल्टी नहीँ

••मरीजों को प्रबंधन और स्टाफ ने अन्य अस्पताल में कराया शिफ्ट 

••फायर ब्रिगेड की चार गाडियों के माध्यम से कड़ी मशक्कत के बाद पाया गया आग पर काबू

•• दो मंजिल बनाने की अनापत्ति के बावजूद तीसरी मंजिल पर टिन शैड डालकर हरा था सामान व कूड़ा

•• 15 दिन पहले ही तीसरी मंजिल पर अवैध निर्माण हटाने के नोटिस पर प्रबंधन ने नहींं दिया ध्यान

•• आग लगने के संबंध में रिस्पांसिब्लिटी तय करने के जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

ब्यूरो डॉ योगेश कौशिक

बडौत।नगर के आस्था मल्टीस्पेशलिटीढ हॉस्पिटल में लगी भीषण आग । आग लगने से अस्पताल में अफरातफरी का बना माहौल।प्रबंधन और स्टाफ की सूझबूझ से आनन फानन में करीब एक दर्जन मरीजों को दूसरे अस्पताल में किया गया शिफ्ट।

जनपद के सबसे बडे आस्था मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में मध्यरात्रि के बाद अचानक आग लग गई और एकाएक उसने विकराल रूप धारण कर लिया। शुक्र है कि, उठते धुंए और आग का यह मंजर अस्पताल की ऊपरी मंजिल में होने के चलते प्रबंधन और स्टाफ को मरीजों को सुरक्षित निकालकर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। एहतियात के तौर पर सावधानी बरतते हुए तत्काल फायर स्टेशन को सूचना दे दी गई तथा जब तक आग नीचे की मंजिल को अपनी चपेट में लेती, तब तक उसे पूरी तरह खाली भी कर दिया गया था, वरना अस्पताल में बच्चों की नर्सरी केयर सैंटर को धुएं से बड़ा हादसा हो सकता था। 

फिलहाल फायर ब्रिगेड की चार गाडियां आग बुझाने में लगी थी और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया तथा कोई जनहानि भी नहीं हुई तथा आग लगने का कारण शार्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। 

चीफ फायर आफिसर अमरेंद्र प्रताप और डिप्टी सीएमओ यशवीर सिंह से हुई वार्ता के बाद जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि, अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उसके अनुसार अस्पताल प्रबंधन को दो मंजिल बनाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बिना अनुमति के तीसरी मंजिल पर भी टिन शैड के द्वारा निर्माण कर लिया गया, जिसमें फालतू सामान व कूड़ा भरकर छोड़ दिया गया। 

जिलाधिकारी ने बताया कि, विगत पंद्रह दिन पहले ही तीसरी मंजिल को हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, किंतु समय रहते उसे नहीं हटाया गया तथा अस्पताल में लगे अग्नि शमन यंत्रों के बावजूद उनका इस्तेमाल भी नहीं किया गया, क्योंकि उन्हें चलाने वाला भी वहां कोई नहीं था । उन्होंने अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि, इसमें रिस्पांसिब्लिटी तय करें।