तहसील सिरौलीगौसपुर अंतर्गत तिलवारी घाट पर धूमधाम से मनाया गया छठ पूजा का पर्व
बाराबंकी जिले में धूमधाम से मनाया गया छठी माई का पर्व यह पर्व पूरे प्रदेश में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ महापर्व का शुभारम्भ हो जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। छठ पर्व में मुख्य दिन षष्ठी तिथि को माना जाता है। इस वर्ष कार्तिक मास की षष्ठी तिथि 30 अक्टूबर के दिन है। इस दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा की जाती है और व्रती महिलाएं 24 घंटे से अधिक समय का कठिन निर्जला उपवास रखती हैं। मान्यता है कि यह व्रत रखने से संतान को लंबी आयु और उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद मिलता है, वहीं परिवार में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है हिन्दू धर्म में भगवान सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है क्योंकि सूर्य की उर्जा के कारण ही धरती पर जीवन सुचारु रूप से चल रहा है। लेकिन छठ पर्व में भगवान सूर्य की पूजा क्यों की जाती है, इस प्रश्न का उत्तर महाभारत काल से मिलता है। किवदंतियों के अनुसार दानवीर कर्ण का जन्म भगवान सूर्य देव के वरदान के कारण हुआ था। उन्हीं के आशीर्वाद के कारण उन्हें कवच, कुंडल और वीरता का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था तिलवारी घाट पर छठ पूजा का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया तथा सुबह के 4:00 बजे सूर्योदय के पहले घाटो पर जाकर सूर्य देवता की पूजा अर्चना करती हैं
व्रत रहकर महिलाओं घरों में अपने हाथो से माता छठ का प्रसाद भी खुद अपने हाथों से बनाकर उन्हें चढ़ाती हैं
घाटों पर कड़ी सुरक्षा पर मौजूद रहे टिकैतनगर थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे तथा नाविकों को भी लगाया गया जिससे कोई भी अनहोनी ना होने पाए उन परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन ने व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त रखी ।।