RO ARO Exam: आरओ एआरओ परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों की होगी जांच, पेपर लीक से जुड़े साक्ष्य मांगे गए

RO ARO Exam: आरओ एआरओ परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों की होगी जांच, पेपर लीक से जुड़े साक्ष्य मांगे गए

लखनऊ: यूपीपीएससी (UPPSC) की आरओ/एआरओ (RO ARO) परीक्षा की भी जांच होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक से संबंधित शिकायतों के जांच के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में अभ्यर्थियों से साक्ष्य भी मांगे गए हैं. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने 11 फरवरी को समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 कराई थी. इसके बाद सही इसमें गड़बड़ी और पेपर लीक की सूचनाएं वायरल हो रही थीं. अभ्यर्थियों ने प्रयागराज में परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर अयोग के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन भी किया था.

27 फरवरी तक उपलब्ध करा सकते हैं साक्ष्य
सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के आदेश के बाद अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक ने जांच का आदेश जारी कर दिया. जिसमें कहा गया है कि 11 फरवरी को आयोजित की गई समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा – 2023 के संबंध में शासन को संज्ञान में लाए गए तथ्यों एवं शिकायतों को देखते हुए शिकायतों का शासन स्तर पर परीक्षण कराने का निर्णय लिया गया है. अपील की गई है कि इस परीक्षा के संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत या इसकी शुचिता को प्रभावित करने वाले तथ्यों को संज्ञान में लाना चाहें तो वह अपना नाम, पूरा पता और साक्ष्यों सहित कार्मिक व नियुक्ति विभाग के ई-मेल आईडी secyappoint@nic.in पर 27 फरवरी तक उपलब्ध करा सकते हैं.

यूपी पुलिस सिपाही भर्ती भी रद्द
इसी के साथ सीएम योगी आदित्यानाथ ने 17 व 18 फरवरी को हुई यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है. सीएम ने छह माह के अंदर दोबारा परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. परीक्षा के संबंध में एसटीएफ की जांच और अब तक की कार्रवाई की समीक्षा करते हुए सीएम ने ये निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ और परीक्षा की शुचिता से समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता. ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने परीक्षा निरस्त करने का आदेश भी जारी कर दिया है.

अभ्यर्थियों को मिलेगी फ्री आने-जाने की सुविधा
शासन ने यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड को निर्देश दिए है कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उनके विरुद्ध एफआईआर कराई जाए. शासन ने सिपाही भर्ती परीक्षा की जांच एसटीएफ से कराने का निर्णय लिया है. दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं. छह माह बाद होने वाली परीक्षा में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा से अभ्यर्थियों को निःशुल्क आने-जाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.