चार लोगों की मौत के बाद घटना स्थल पर मलबा देखकर फूट-फूट कर रोने लगे पीड़ित 

पीड़ित परिजनों ने प्रदेश सरकार से की मुआवजे की मांग

चार लोगों की मौत के बाद घटना स्थल पर मलबा देखकर फूट-फूट कर रोने लगे पीड़ित 
कांधला। नगर में दिल्ली सहारनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 709 बी पर हुए हादसे के बाद पीडितों ने पहुंचकर अपने अपने प्रतिष्ठानों का मलबा समेटना शुरू कर दिया है। पीडितों ने इस दौरान शासन प्रशासन से मुआवजे की मांग की है, पीडितों का आरोप है कि घटना के बाद किसी व्यक्ति के द्वारा उनकी दुकान का गल्ले पर हाथ साफ कर दिया। 
गत दिवस बुधवार को बाइक सवार मोनू अपनी पत्नी अन्नू के साथ किसी कार्य से जा रहा था। जैसे ही वह एलम बाईपास पर पहुंचा तो पीछे से तेज गति से आ रहे सीमेंट के कंटेनर से उसे अपनी चपेट में ले लिया था। हादसे में मोनू की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि उसकी पत्नी हादसे के बाद बच गई थी। घटना के बाद मौके से सीमेंट कंटेनर के ड्राईवर मौके से कंटेनर को लेकर कांधला की तरफ तेजी से आया। कांधला में बुढाना तिराहे पर अचानक ई रिक्शा के सामने आ जाने पर कंटेनर उसे बचाने के चक्कर में डाक बंगले की दीवार के बराबर में बनी अस्थाई दुकानों में घुस गया था। जिसमें विशाल, फारूख व डाक्टर ओमबीर की दर्दनाक मौत हो गई थी। जबकि भवर सिंह, फूल सिंह, सीना, मांगा, संजीव व राशिद की अस्थाई दुकानें बिस्मार हो गई थी। हादसे में सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। गुरूवार को पीडित दुकानदार अपनी दुकानों का मलबा व वहां पडे सामान को एकत्रित करने के लिए पहुंचे। मलबे में सफाई के दौरान मृतक विशाल का मोबाइल मिला, वही पीडित दुकानदार भवर सिंह के भतीजे ने बताया कि हादसे के वक्त वह घर था, सूचना पर वह मौके पर पहुंचा तो सब बर्बाद हो चुका था, रात्रि में कंटेनर के सीधा हो जाने पर जब उन्होंने अपनी दुकान में घुसने की हिम्मत की तो पाया कि उनकी दुकान में रखा गल्ला व पर्स गायब थे, जो बाद में घटना स्थल से कुछ दूरी पर जाकर मिले। आरोप है कि उनके पर्स में 15000/- रूपए थे, तथा गल्ले में दोपहर तक की दुकान की सारी कमाई थी, जो उनको खाली पडे मिले। पीडित दुकानदारों का कहना है कि वह पूरी तरह से बर्बाद हो गए है। उनकी सारी जमा पूंजी हादसे में खत्म हो गई है। उन्होंने शासन प्रशासन ने मुआवजे की मांग की है। पीडितों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मदद नही करती है तो उनके परिवार भूखमरी के कागार पर आ जायेगें। सभी पीडित दुकानदारों ने अस्थाई दुकानों के मलबे को एकत्रित करके घटना स्थल से हटा दिया है। हादसे के बाद गुरूवार को डाक बंगले की दीवार से सटी अस्थाई दुकानें चैधरी चरण सिंह की प्रतिमा से लेकर घटना स्थल तक बंद रही। घटना के दूसरे दिन भी घटना का असर स्थानीय बस स्टैंड पर साफ दिखाई दे रहा था। 
पोस्टमार्टम के बाद चारों लोगों के शव घर पहुंचने पर मचा कोहराम 
पुलिस ने सभी मृतक और घायलों के परिजनों की तहरीर पर किया मुकदमा दर्ज,अग्रिम कार्रवाई शुरू
कांधला। नगर में हुए सड़क हादसे में चार लोगों की दर्दनाक मौत के बाद सभी के शव पोस्टमार्टम के बाद गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। घटना के बाद से मातम पसरा हुआ है। मृतकों के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। पीड़ित परिजनों की ओर से पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है।
एलम में सड़क हादसे में मारे गए मोनू कश्यप मौत के बाद नगर में विशाल, फारूख व डा ओमबीर की मौत हो गई थी। जिसके बाद प्रशासन ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोचरी में भिजवाया था। रात्रि के समय ही चारों शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद प्रशासन ने गुरुवार की अलसुबह ही उनके परिजनों को सौप दिया। शवों के साथ पुलिस प्रशासन भी परिजनों के साथ गया। सबसे पहले जनपद बागपत के गांव चंदनहेडी निवासी डा ओमबीर का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा। जहां पर उनके परिजनों ने गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों ने बताया कि डा ओमबीर एक कृषक परिवार से है तथा उनकी पत्नी नगर में अपना क्लीनिक चलती है जबकि उनके दो बच्चें एक लडका व एक लडकी है। वही जनपद बागपत के गांव सूजती निवासी विशाल का शव सुबह छ बजे के बाद उनके पैतृक गांव पहुंचा। जहां पर उनके परिजनों ने उसके शव का अंतिम संस्कार किया। ग्रामीणों के अनुसार विशाल के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नही है। काम ना होने के कारण पिछले काफी समय से वह कांधला में जाकर व्यापार कर रहे थे, तथा कांधला बस स्टैंड पर उन्होंने अन्नू नामक व्यकित का खोखा लिया हुआ था। हादसे के समय विशाल दुकान पर कार्य कर रहा था। एलम निवासी मोनू कश्यप का पार्थिव शव गांव में पहुंचने पर कोहराम मच गया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। परिजनों के अनुसार परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल ठीक नही है। मोनू के यहां तीन बच्चें है जिसमें बडे बच्चे की उम्र 11 साल तथा दो बच्चे उससे छोटे बताए गए है। वही जनपद के ही गांव छतैला निवासी फारूख का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके पैतृक गांव पहुंचा। जहां पर गमगीन माहौल में उसके परिजनों ने उसे सुपुर्द ए खाक कर दिया। परिजनों के अनुसार फारूख की आर्थिक स्थिति ठीक नही है। कांधला के मौहल्ला राजयादगान में उसकी बहन का निकाह हुआ है। काम के सिलसिले में वह काफी समय पूर्व कांधला आ गया था, तथा मौहल्ले में पहले अपनी बहन के यहां रहने के बाद वर्तमान में उसने मौहल्ले में अपना एक छोटा सा मकान बना लिया था। उसके चार लडकियां तथा एक लडका है उसकी सबसे बडी लडकी की उम्र 08 वर्ष तथा सबसे छोटी लडकी की उम्र 08 माह है तथा पुत्र की उम्र मात्र 02 वर्ष है। चारों मृतकों के घर में घटना के बाद से मातम पसरा हुआ है। वही घटना में घायल सभी व्यक्ति हाॅस्पिटल में अपना उपचार करा रहे है तथा सभी की हालत में सुधार है। पुलिस ने सभी पीड़ितों की ओर से मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है।