चंदौली SP कार्यालय बना सियासी अखाड़ा, कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे सपा विधायक, आश्वासन के बाद खत्म हुआ धरना

चंदौली SP कार्यालय बना सियासी अखाड़ा, कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे सपा विधायक, आश्वासन के बाद खत्म हुआ धरना

पुलिस महकमें पर निशाना साधते हुए सकलडीहा के सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव धरने पर बैठ गए। चंदौली जनपद में कार्यकर्ताओं के साथ सपा विधायक पुलिस लाइन में धरने पर बैठे थे, उन्होंने आरोप लगाया कि, दोपहर से रात तक वे फोन करते रहे, लेकिन सदर कोतवाल ने उनका फोन नहीं उठाया। यह शासनादेश का उल्लंघन और विधायिका की अवमानना है। इसको लेकर SP से मुलाकात कर कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

एसपी द्वारा कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर विधायक कार्यकर्ताओं के साथ अहिंसक तरीके से आंदोलन कर के उठे। इस दौरान उन्होंने चंदौली पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर आरोप लगाए। हालांकि, सपा विधायक ने इस दौरान एक तीर से दो निशाना साधने की राजनीतिक रणनीति बनाई थी। उनका निशाना थाना प्रभारी नहीं बल्कि, पुलिस महकमें के उच्चाधिकारियों पर वर्चस्व कायम करने की थी।

फरियाद सुने बिना ही भगा दिया

सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव ने मीडिया को बताया कि, "पुलिस इन दिनों लोगों को आपस में लड़ाने का काम कर रही है। इससे आए-दिन विवाद सामने आ रहे हैं। ऐसा ही मामला संज्ञान में आने के बाद दोपहर से रात तक सदर थाना प्रभारी गगन राज सिंह को फोन करते रहे लेकिन उन्होंने फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई। पुलिस द्वारा फरियादियों की फरियाद सुने बिना ही थाना परिसर से भगा दिया जा रहा है। 

यदि वह फरियादी सपा कार्यकर्ता है तो उसकी एक ना सुनी जा रही है।" उन्होंने कहा कि, सेवखर गांव में जमीन संबंधी विवाद चल रहा है, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आरोप लगाया की, चंदौली पुलिस महकमा विधायक एवं अन्य प्रतिनिधि का जब फोन ही नहीं उठा रही है तो न्याय की आस बेमानी है।

एएसपी के मनाने पर धरना समाप्त

सपा विधायक ने कहा कि, सपा पार्टी संविधान, नियम और कानून की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं करेगी। यदि एसपी थाना प्रभारी पर कार्रवाई अमल में नहीं लाते हैं तो विधानसभा में चंदौली पुलिस की लचर कार्य प्रणाली का मुद्दा उठाएंगे। हालांकि इस दौरान एएसपी के काफी मनाने के बाद भी जब सपा विधायक धरने से नहीं उठे तो एसपी ने पहुंचकर शिकायत पत्र के आधार पर जांच कराकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर धरना समाप्त हुआ। 

लेकिन धरने की आड़ में यह बात साबित हो गई कि, कानून व्यवस्था सख्त रखने वाले एसपी आदित्य लांग्हे को विपक्ष और सत्ता पक्ष का दबाव झेलना पड़ेगा। धरने की तह में जाएं तो सपा कार्यकर्ताओं द्वारा किसी भी मामले में पैरवी कर कानून व्यवस्था को हाथ की कठपुतली बनाना भी एक उद्देश्य हो सकता है।