स्वतंत्रता सेनानी स्व ला अर्जुन सिंह की 116 वीं जयंती पर यज्ञ व गोष्ठी
••समाज और राष्ट्र सेवा के लिए बताया प्रेरक व्यक्तित्व
संवाददाता नीतीश कौशिक
बागपत।प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी व समाजसेवी स्व लाला अर्जुन सिंह की 116 वीं जयंती पर यज्ञ एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। यज्ञ के ब्रह्मा ओमपाल आर्य ने ला अर्जुन सिंह को देश की आजादी में सर्वस्व न्योछावर करने तथा महर्षि दयानंद सरस्वती एवं लाला लाजपत राय के विचारों की छाप व कार्यप्रणाली से अंग्रेजी सरकार के खिलाफ आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाला बताया।
गोष्ठी में बताया गया कि,1942 में महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत छोड़ो के आह्वान से प्रेरित होकर ला अर्जुन सिंह ने टटीरी रेलवे स्टेशन को अपने सहयोगियों के साथ आग के हवाले कर दिया था। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें जेल में बंद कर अनेक यातनाएं दी और माफी मांगने के लिए भरपूर दबाव दिया ,लेकिन माफी मांगने से साफ इन्कार कर दिया था , जिसपर विवश होकर सरकार को उन्हें रिहा करना पड़ा था।देश आजाद होने तक शादी नहीं कराने का संकल्प लेने वाले तथा आजादी के बाद, शिक्षा एवं चिकित्सा के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने से प्रेरित हो उनके ज्येष्ठ पुत्र अभिमन्यु गुप्ता 1986 से निशुल्क नेत्र जांच एवं ऑपरेशन शिविर का आयोजन कराने में लगे हैं, जो अब तक 52,000 से अधिक मोतियाबिंद के निशुल्क ऑपरेशन करा चुके हैं।
इस अवसर पर यजमान अभिमन्यु गुप्ता, सन्तोष गुप्ता, संजय जिंदल, विभोर जिंदल व प्रीती जिंदल रहे। आर्य समाज के प्रधान सुरेश जिंदल, उप प्रधान सतीश जिंदल, मंत्री मनोज आर्य सभासद, जिला उपमंत्री आर्य भूषण आर्य ,वरिष्ठ एड अशोक अग्रवाल ,ला दीपक गोयल, ला पंकज गुप्ता, अतुल , अनिल, आनंद , अंकित गोयल, मनीष सिंगल डॉ रामलाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया ।इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी स्व ला अर्जुन सिंह की सहधर्मिणी श्रीमती रुक्मिणी देवी ने सभी को सेवा के क्षेत्र में समर्पित भाव से लगे रहने का आशीर्वाद किया।