तुर्की में शक्तिशाली भूकंप, तेज़ी से बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा

तुर्की में सोमवार तड़के एक के बाद भूकंप के दो शक्तिशाली झटके महसूस किए गए हैं. इसके बाद तुर्की सरकार ने आपातकाल लगाने की घोषणा की है.

तुर्की में शक्तिशाली भूकंप, तेज़ी से बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा
  • तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास स्थानीय समयानुसार सवेरे 4:17 को भूकंप का एक शक्तिशाली झटका महसूस किया गया है.
  • पहले झटके के कुछ मिनट बाद एक और शक्तिशाली झटका महसूस किया गया.
  • इसके बाद पूरे इलाक़े में एक के बाद एक कई आफ़्टर शॉक महसूस किए गए हैं.
  • तुर्की समेत लेबनान, सीरिया, साइप्रस, इसराइल और फ़लस्तीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
  • भूकंप के बात राष्ट्रपति अर्दोआन ने देश में आपातकाल लागू कर दिया है. राहत और बचाव कार्य तेज़ी से किया जा रहा है.
  • अधिकारियों के अनुसार तुर्की और सीरिया में अब तक 90 लोगों की मौत की ख़बर है.
  • भूकंप प्रभावित इलाकों में इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है.

    अमेरिकी भूगर्भीय सर्वे 'यूएसजीएस' के अनुसार भूकंप का पहला झटका सीरियाई सीमा के क़रीब गाज़िएनटेप में कहमानमारश के पास महसूस किया गया.

    यूएसजीएस के मुताबिक़, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 7.8 दर्ज की गयी है.

    समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़, भूकंप का पहला झटका स्थानीय समयानुसार सवेरे 4 बज कर 17 मिनट पर आया था. इसके कुछ मिनट बाद भूकंप का दूसरा झटका केंद्रीय तुर्की में महसूस किया गया.

    भूकंप के झटके तुर्की की राजधानी अंकारा और दूसरे शहरों समेत लेबनान, सीरिया, साइप्रस में भी महसूस किए गए हैं.

    तेज़ी से बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा

    तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान शोयलू ने कहा कि भूकंप का बड़ा असर देश के 10 शहरों पर पड़ा है. ये शहर हैं- कहमानमारश, हैटे, गाज़िएनटेप, ओस्मानिये, अदियामान, सनलिउर्फ़ा, मलेटिया, अदाना, दियारबाकिएर और किलिस.

    भूकंप के बाद मिल रही शुरूआती जानकारी के अनुसार इस कारण तुर्की और उसके पड़ोसी सीरिया में 90 से अधिक लोगों की मौत हुई है.

    अधिकारियों का कहना है कि मौतों का ये आंकड़ा तेज़ी से बढ़ रहा है.

    मलेटिया शहर के गवर्नर का कहना है कि भूकंप के कारण अब तक 23 लोगों की मौत की ख़बर है. उनका कहना है कि 42 लोग घायल हैं और शहर में क़रीब 140 इमारतों को नुक़सान पहुंचा है.

    उस्मानिये शहर के गवर्नर ने पांच लोगों के मरने की पुष्टि की है. इसके साथ ही सनलिउर्फ़ा में 17 और दियारबाकिएर में छह लोगों की मौत की ख़बर है.

    देश के दक्षिण पूर्व के दो शहरों में कम से कम 50 इमारतों के मलबे में तब्दील होने की ख़बर आ रही है.

    अर्दोआन ने जारी किया बयान

    तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैय्यप अर्दोआन ने भूकंप प्रभावित इलाकों शुरु किए गए बचाव अभियानों को लेकर ट्विटर पर जानकारी दी है.

    उन्होंने लिखा है, "मैं कहमानमारश समेत देश के दूसरे इलाकों में भूकंप से प्रभावित हुए अपने नागरिकों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. हमारे सभी बचाव दल एएफ़एडी के समन्वय में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.

    हमारी तलाश और बचाव टीमों को भूकंप प्रभावित इलाकों में भेज दिया गया है. इसके साथ ही गृह मंत्रालय समेत तमाम अन्य एजेंसियों की ओर से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है."

    पहला झटका सीरियाई सीमा के क़रीब

    तुर्की के गाज़िएनटेप में आए भूकंप का केंद्र तुर्की से 26 किलोमीटर दूर पूर्व में नूरदा के पास बताया जा रहा है.

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जर्मन रिसर्च सेंटर ऑफ़ जियोसाइन्सेज़ (जीएफ़ज़ी) के हवाले से इसे 7.4 तीव्रता का भूकंप बताया गया है. जीएफ़ज़ी के अनुसार भूकंप का केंद्र ज़मीन से 10 किलोमीटर नीचे था.

    वहीं यूएसजीएस ने कहा है कि भूकंप का केंद्र ज़मीन से 11 मील नीचे था. यूएसजीएस के अनुसार इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.8 थी.

    दूसरा झटका केंद्रीय तुर्की के पास

    इसके कुछ देर बाद दूसरा झटका केंद्रीय तुर्की में महसूस किया गया है.

    यूएसजीएस के अनुसार दूसरे झटके की तीव्रता 6.7 थी जिसका केंद्र ज़मीन के 12 किलोमीटर नीचे था.

    अमेरिकी भूगर्भीय सर्वे 'यूएसजीएस' के अनुसार भूकंप के दो तेज़ झटकों के बाद यहां एक के बार एक आफ़्टर शॉक आ रहे हैं.

    पहले भी आते रहे हैं भूकंप

    • भूकंप के लिहाज़ से भूकंप दुनिया के सबसे अधिक संवेदनशील इलाक़ों में आता है. यहां बीते सालों में शक्तिशाली भूकंप आते रहे हैं.
    • 2020 जनवरी में यहां के एलाज़िग में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें क़रीब 40 से अधिक लोगों की मौत हुई.
    • इसी साल अक्तूबर में एजियन सागर में 7.0 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 114 लोगों की मौत हुई और हज़ार से अधिक लोग घायल हुए.
    • 1999 में दूजा में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था. इसमें 17 हज़ार से अधिक लोग मारे गए थे जिसमें से एक हज़ार लोग केवल इस्तांबुल में मारे गए थे.