जर्जर सड़क पर पैदल चलना भी दुश्वार , जनप्रतिनिधियों का कैसे करें आभार!

जर्जर सड़क पर पैदल चलना भी दुश्वार , जनप्रतिनिधियों का कैसे करें आभार!

••15 साल पहले बने बाछौड- शबगा- जागोस मार्ग पर तब से अब तक मरम्मत भी नहीं! 

संवाददाता अमित जैन

छपरौली। क्षेत्र में दर्जनों सड़क जर्जर हालत में होने से उनपर चलने वाले राहगीरो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि जनप्रतिनिधि इस ओर आंखें मूंदे हुए नजर आ रहे हैं।

सरकार व शासन, जहां गांव के लोगों को आवागमन के लिए गांव की सड़कों को चकाचौंध कराने की व्यवस्था कर रहा है, इसके बाद भी क्षेत्र की सड़कों पर ध्यान नहीं दिया जाना चिंता व परेशानी का सबब बन गया है।इस दौरान अधिकांश सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं, जिस पर राहगीरों का चलना भी दुश्वार हो गया है।

 क्षेत्र के बाछौड- शबगा- जागोस तक जानेवाली सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। कई गावों को जोड़ने वाली इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों लोग सफर करते हैं। दिनभर वाहनों की आवाजाही भी लगी रहती है। फिर भी किसी को इसकी सुध लेने की फुर्सत अधिकारियों से लेकर नेताओं तक को नहीं है। सड़क में जगह-जगह बने गड्ढे व उबड़ खाबड़ सड़क इसकी जर्जरता को खुद बयां कर रही है। सड़क जर्जर होने के कारण दोपहिया व छोटे वाहन चालकों को तो भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते इस मार्ग में अक्सर हादसे भी होते रहते हैं, जबाब बरसात के दिनों में तो सड़क की हालत और भी नारकीय हो जाती है। जगह-जगह टूटी सड़क कई जगह तो पूरी तरह कीचड़मय हो जाती है। 

ऐसा नहीं है कि, क्षेत्र के लोगों ने इस सड़क के पुनर्निर्माण की माग जोर शोर से नहीं उठाई हो, लेकिन उनकी आवाज सुनने वाला शायद कोई नहीं है। तभी तो इस क्षेत्र के लोगों के लिए यह सड़क कोढ़ में खाज बना हुआ है। शबगा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विनोद पंवार रामपाल ठेकेदार,प्रवीण आर्य, विक्रम सिंह,अंकित,चींकी समोसे वाला, सुनील आर्य, प्रताप आर्य आदि ग्रामीणों ने बताया कि ,इस मार्ग का निर्माण लगभग 15 साल पहले हुआ था ,निर्माण होने के दो साल बाद ही यह मार्ग जर्जर हो चुका था ,जिसमें आज तक भी कोई मरम्मत का कार्य नहीं हुआ । उन्होंने बताया कि, इस मार्ग से काफी संख्या में बाछोड़ गांव से राहगीरों का आवागमन शबगा होता है, जिन्हें काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ता है।