डीएम ने ऑपरेशन कायाकल्प व शिक्षा विभाग के कार्यो की प्रगति की समीक्षा बैठक की
स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में आकड़े बाजी को बरदाश्त नही किया जायेगा: डीएम
रायबरेली। जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति में मानक के अनुसार सुधार के कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में उन सभी बुनियादी आवश्यकताओं की उपस्थिति दर्ज कराई जाए जो कि किसी शिक्षण संस्थान की मूलभूत आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में क्षेत्रवार मेंटर भी तैयार करें और पठन-पठान के कार्य में स्तरीय उन्नयन का प्रयास करें।
जिलाधिकारी बचत भवन सभागार में शुक्रवार देर शाम आपरेशन कायाकल्प एवं शिक्षा विभाग के कार्यो की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। बैठक में उन्होंने कहा कि स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति की गलत इंट्री न की जाए, अगर किसी स्कूल में इस प्रकार का प्रयास किया जाता पाया गया तो सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में प्राथमिक विद्यालय हरदासपुर, अमावां की प्रधानाचार्य श्रीमती मीना कुमारी द्वारा एक प्रस्तुतिकरण किया गया जिसमें उन्होंने बताया कि मात्र साढ़े चार वर्ष की अवधि में उन्होंने जीर्णशीर्ण इस स्कूल का कायाकल्प कर दिया। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में आई थी तो इसका भवन खंडहरनुमा दिखता था जो अब आस पास के क्षेत्रों में भी बेहतरीन स्कूल भवन का उदाहरण बन चुका है। उन्होंने बताया कि स्कूल में पेयजल, क्रियाशील शौचालय, साइंस लैब, सुन्दर बगीचा, स्मार्ट टीवी सहित अन्य समस्त वे सुविधाएं उपलब्ध हैं जो किसी भी स्कूल का मुख्य आकर्षण होती हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय जन सहयोग तथा ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से यह स्कूल वर्तमान में आस पास क्षेत्र में सबके आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्य श्रीमती मीना कुमारी के कार्यो की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी और बैठक में शिक्षा विभाग के उपस्थित समस्त अधिकारियों से कहा कि उन्हें प्राथमिक विद्यालय हरदासपुर अमावां से प्रेरणा लेना चाहिए।
जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत शेष कार्यो में तेजी लाने के साथ ही मध्यान्ह भोजन तथा उपस्थिति की अन्य विभागों के अधिकारियों से जल्दी ही जांच कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि छात्रों की उपस्थिति में आकड़े बाजी को किसी भी प्रकार से बरदाश्त नही किया जायेगा। उन्होंने बीएसए को निर्देश दिये कि अध्यापकों की उपस्थिति की नियमित रूप से जांच कराकर उन्हें आख्या प्रस्तुत की जाए।