हस्तिनापुर भीकुंड घाट पर गंगा में छोड़े गए दो लाख मत्स्य बीज

 रिवर रेचिंग कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग से मिला टारगेट किया पूरा गंगाजल होगा निर्मल मछलियों की संख्या में होगी बढ़ोतरी : उपनिदेशक सुचेता गुप्ता

हस्तिनापुर भीकुंड घाट पर गंगा में छोड़े गए दो लाख मत्स्य बीज

 ब्यूरो इसरार अंसारी

 मवाना। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत शुक्रवार को हस्तिनापुर भीकुंड गंगा घाट पर लगभग दो लाख मत्स्य बीज छोड़ा गया हैं। मत्स्य विभाग एक हजार से अधिक सरकारी और उतनी ही संख्या में निजी क्षेत्र के तालाबों में मत्स्य पालन कराकर मध्यम वर्गीय किसानों, श्रमिकों, वैश्विक महामारी से प्रभावित होने वाले प्रवासियों की आर्थिक स्थिति में सुधार ला रहा है। बता दे की मछलियां बारिश में तालाबों आदि जलाशयों में प्रजनन करती हैं इस दौरान इन जलाशयों में उनके लाखों की तादाद में अंडे निषेचित होते हैं। जिनसे मछलियों के बच्चे जन्म लेते हैं जो समय के साथ-साथ अपनी शारीरिक वृद्धि करते रहते हैं इन्हें मत्सय बीज के अलावा हैचलिंग्स, स्पान, फिंगरलिंग्स, भी कहा जाता है। केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार मत्स्य पालन के साथ पालकों को शासन की ओर से मिलने वाली अन्य योजनाओं से जोड़ने में जागरूकता अभियान भी चल रहा है। मत्स्य विभाग की उपनिदेशक सुचेता गुप्ता व प्रभारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण जिला मत्स्य विनोद कुमार ने बताया कि उन्हें विभाग द्वारा रिवर रैचिग कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद मेरठ में योजना के अंतर्गत दो लाख मत्स्य बीज गंगा नदी में संरक्षित कराने का लक्ष्य मिला था। बताया कि संरक्षित मत्स्य से न सिर्फ गंगा का पानी स्वच्छ होगा बल्कि मछलियों की संख्या में बढ़ोत्तरी भी होती रहेगी। इस मौके पर महकर सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि मेरठ मोनू कुमार  वरिष्ठ सहायक मत्स्य विभाग मेरठ जगरोशन कश्यप जिला अध्यक्ष निषाद पार्टी  चमन निषाद साहब सिंह कश्यप सोनू कश्यप उदयवीर कश्यप शिवम कश्यप बबलू निषाद अशोक कुमार निषाद बलिराम निषाद राजकुमार निषाद कश्यप आदि सैकड़ो की संख्या में निषाद पार्टी के कार्यकर्ता भी इस मौके पर सैकड़ो की संख्या में मौजूद रहे।