सरकार की महत्वपूर्ण योजना को फॉरेस्टर व रेंजर लगा रहे पलीता हरे प्रतिबंध पेड़ों की परमिट जारी कर लकड़कट्टों पर है मेहरबान
रमेश बाजपेई
सरेनी रायबरेली। क्षेत्र में सरकार के वृक्षारोपण अभियान को पलीता लगाने में तुले फॉरेस्टर व रेंजर। जी हां सूत्रों के हवाले से खबर है कि जहां साहब की मेहरबानी वृक्षों पर तो नहीं हो सकी पर लकडकट्टो पर भरपूर देखी जा रही है इसका अंदाजा आप यूं लगा सकते हैं कि सरेनी कोतवाली क्षेत्र के दून का पुरवा गांव स्थित हरे प्रतिबंधित हस्ट पुस्ट महुआ के एक बाग के पेंडो की परमिट हेतु बिना पुष्टि किए ही साहब लगा देते हैं वृक्ष की पुष्टि रिपोर्ट जिसमे साहब द्वारा ज्यादातर यह दर्शाया जाता है कि वृक्ष रोगी या घटना जनक है। घटना जनक वा रोगी वृक्षों की साहब फ़ोटो भी कहीं न कहीं से कर लेते हैं कलेक्ट जिससे बिना किसी रोक टोक के साहब लकडकट्टो को दे देते हैं परमिट और वहीं सूत्रों का यह भी मानना कि फॉरेस्टर साहब को ज्यादा पेंडो की परमिट जारी कराने पर अच्छी खासी मिलती है रकम तो कहीं ऐसा तो नहीं कि फॉरेस्टर रेंजर गलत तरीके से परमिट जारी करने के घिनौने खेल का डीएफओ रायबरेली को मोहरा बनाकर कर रहे हों इस्तेमाल ऐसा सूत्रों का मानना है और डीएफओ व उद्यान को गलत रिपोर्ट पेश कर लकडकट्टो के लिए बनवा रहे हैं एक साथ तीन,पांच, दस करके हस्ट पुस्ट फलदार महुआ के प्रतिबंधित पेंडो की परमिट जारी महुओं के प्रतिबंधित पेंडो की बाग की बाग को कर रहे हैं धराशाही और एक ही पल में हरे प्रतिबंधित पेंडो की बाग को कब्रिस्तान में कर देते हैं तब्दील आखिरकार क्यों वन विभाग इतने अधिकांश पेंडो की परमिट जारी कर प्रकृति के साथ खेल रहा घिनौना खेल और हरे प्रतिबंधित महुआ के फलदार वृक्षों की परमिट जारी कर लकडकट्टो के हांथों हरे प्रतिबंधित महुआ के वृक्षों का करा रहे कत्ल। वनविभाग द्वारा सरेनी क्षेत्र में जारी की जा रही अधिकांश परमिट के चलते हरे प्रतिबंधित फलदार वृक्षों की जा रही जान।
आखिरकार यह समझ नहीं आता कि क्यों साहब परमिट जारी कर प्रकृति को कर रहे बेजान।सरेनी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत दून का पुरवा गांव के समीप स्थित महुआ के बाग के साथ सहनीपुर स्थित बाग की है घटना।