कब्जा धारी पीड़ित बनकर पहुंचे नगर पंचायत,कब्जा बरकार रखने की लगाई गुहार

कब्जा बरकरार रखने के लिए कब्जा धारियों ने लगाई गुहार

कब्जा धारी पीड़ित बनकर पहुंचे नगर पंचायत,कब्जा बरकार रखने की लगाई गुहार

कब्जा धारी पीड़ित बनकर पहुंचे नगर पंचायत,कब्जा बरकार रखने की लगाई गुहार

कब्जा बरकरार रखने के लिए कब्जा धारियों ने लगाई गुहार

एक दिन पहले सड़क में किए गए अतिक्रमण को हटाने की नगर पंचायत ने दी थी चेतावनी

अपने आप कब्जा हटाने के लिए मांगा था समय, समय मिलते ही अपनी बात से पलटे कब्जा धारी

थानाभवन- सरकारी सड़क में अवैध रूप से लोहे के खंबे गाड़कर एवं गेट लगाकर किए गए अतिक्रमण पर नगर पंचायत ने कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। मौके पर पहुंची नगर पंचायत टीम को कब्जा धारियों ने एक दिन बाद कब्जा हटाने के लिए समय मांगा था, लेकिन कब्जाधारी अब कब्जा बरकरार रखने के लिए नगर पंचायत से गुहार लगा रहे हैं।

शामली जनपद के थानाभवन कस्बे में वंदना गार्डन के बराबर से गुजरने वाले सरकारी रास्ते पर वंदना गार्डन के मालिकों द्वारा सरकारी रास्ते में लोहे का गेट एवं लोहे के खम्बे लगाकर रास्ते पर अतिक्रमण किया गया था। जिसकी वीडियो और फोटो इंटरनेट में वायरल होने के बाद नगर पंचायत की टीम मौके पर पहुंची थी और गेट को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। कार्रवाई शुरू होते ही नगर पंचायत वंदना गार्डन मालिको द्वारा यह कहते हुए एक दिन का समय मांगा गया था कि हम खुद ही सड़क में लगाए गए लोहे के खंबे हटवा देंगे। इसके बाद नगर पंचायत की टीम वापस लौट गई थी, लेकिन शनिवार के दिन सुबह ही वंदना गार्डन के मालिक पवन कुमार विनोद कुमार नकली सिंह मुकेश प्रमोद आदि ने खुद एक प्रार्थना पत्र नगर पंचायत को देते हुए यह कहा है कि यहां से अगर आम लोगों के वाहन गुजरेंगे तो यहां सड़क को नुकसान पहुंच सकता है। जिस कारण सड़क में लगाए गए लोहे के खम्बो को भी वैध बताते हुए उक्त लोगों ने सड़क से खंबे ना हटवाने के लिए गुहार लगाई है। जबकि एक दिन पहले खुद सड़क से खंबे हटाने के लिए समय मांगा था। अब लोगों में चर्चा है कि जिन लोगों ने कब्जा कर रखा था जब नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी ने कार्रवाई के आदेश दिए तो फिर अपनी नाक का सवाल बनाकर एप्लीकेशन देकर कब्जे को बरकरार रखना चाहते हैं। लोगों में चर्चा है कि इस तरह तो कोई भी व्यक्ति सरकारी सड़क पर रास्ता अवरुद्ध कर अपने हिसाब से लोगों के आने-जाने का मार्ग तय करेगा। वहीं इसके उलट पानी की टंकी के पास से घनी आबादी से किसानों के वाहन गुजरते हैं। जिससे घनी आबादी में हादसे का डर रहता है। जबकि यह मार्ग घनी आबादी का बाईपास है और जिसकी चौड़ाई भी काफी अधिक है।