एजाज अहमद की हठधर्मिता के कारण हेमराज की कंही टूट ना जाये सांसों की डोर

जिंदगी और मौत से लड़ रहा है सहायक अध्यापक

एजाज अहमद की हठधर्मिता के कारण हेमराज की कंही टूट ना जाये सांसों की डोर

एजाज अहमद की हठधर्मिता के कारण हेमराज की कंही टूट ना जाये सांसों की डोर

- जिंदगी और मौत से लड़ रहा है सहायक अध्यापक

- बीएसए ने भी कर रखे हैं आदेश

- गुर्दे की गंभीर बीमारी से है पीड़ित गुर्दा होना है ट्रांसप्लांट

- घर का अकेला चिराग है हेमराज

थानाभवन- गुर्दे की गंभीर बीमारी से पीड़ित सहायक अध्यापक का गुर्दा ट्रांसप्लांट होना है। जबकि सहायक अध्यापक की एनपीएस का पैसा वित्तीय लेखा अधिकारी अपनी हठधर्मिता के चलते देने को तैयार नहीं है। अधिकारियों ने कई बार वित्तीय लेखा अधिकारी को आदेश भी किए हैं।

सरकारी स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात है हेमराज की सांस वित्तीय लेखा अधिकारी के द्वारा एनपीएस के ना दिए जाने वाले पैसे के कारण टूटने की कगार पर है। गुर्दे की गंभीर बीमारी से जूझ रहे। सहायक अध्यापक की एनपीएस का करीब सवा लाख रुपया वित्तीय लेखा अधिकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा दो बार लिखित आदेश करने के बावजूद भी देने को तैयार नहीं है। वित्तीय लेखा अधिकारी की हठधर्मिता के कारण सहायक अध्यापक हेमराज दिन प्रतिदिन मौत की तरफ आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक को उपचार देने के बड़े दावे करती हैं और मुख्यमंत्री खुद भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति दम भरते हैं लेकिन सरकारी कर्मचारियों के खून में दीमक का काम करने वाला भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मामला थानाभवन क्षेत्र के गांव अहाता गोसगढ़ में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक हेमराज का है। हेमराज साल 2016 में शिक्षक पद पर भर्ती हुए थे जिनके पिता की साल 2013 में मौत हो गई थी हेमराज अपने घर के अकेले चिराग हैं। उनके दो बहने हैं नौकरी के बाद घर की जिम्मेदारी हेमराज पर है। हेमराज ने दो बहनों की शादी की जबकि हेमराज के पास 4 साल का एक बेटा और डेढ़ साल की एक बेटी है। हेमराज अचानक गुर्दे की गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गए जिनका इलाज मैक्स अस्पताल गाजियाबाद में चल रहा है चिकित्सकों ने किडनी ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी है। माँ ऊषा देवी उन्हें अपना गुर्दा देकर अपने कलेजे के टुकड़े को बचाना चाहती है। उनकी डायलिसिस चल रही है हेमराज ने बताया कि उनकी एनपीएस का करीब सवा लाख रुपया वित्तीय लेखा अधिकारी एजाज अहमद के द्वारा पास नहीं किया जा रहा है। जिससे उनकी किडनी ट्रांसप्लांट होने में पैसे की जरूरत परेशानी का सबक बनी हुई है। उनके स्टाफ के अध्यापकों द्वारा भी उनकी सहायता की जा रही है जबकि परिवार में उनके अलावा कमाने वाला कोई नहीं है।

बुझ ना जाए घर का अकेला चिराग

वित्तीय लेखा अधिकारी एजाज अहमद को कई बार अधिकारियों ने एनपीएस का पैसा देने के आदेश दिए हैं लेकिन एजाज अहमद हेमराज एनपीएस का पैसा देने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों की माने तो शिक्षा विभाग में जब तक बाबू को रिश्वत के रूप में हिस्सा नहीं मिलेगा एनपीएस तो छोड़ो एक पाई भी किसी को नहीं मिल सकती। क्योंकि जनपद में शिक्षक विभाग में रिश्वतखोरी के चलते कई लोगों पर मुकदमे हैं तो कई लोग जेल में बंद है। अब वित्तीय लेखा अधिकारी एजाज अहमद के द्वारा मौत से लड़ रहे हेमराज की एनपीएस का पैसा ना देना लोगों में चर्चा का विषय बना है।

संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी कोमल सांगवान ने बताया कि इससे पहले भी वह वित्तीय लेखा अधिकारी को पत्र लिख चुकी हैं अब अखबार के माध्यम से जानकारी मिली है दोबारा पत्राचार किया गया है।

इस संबंध में ऐड़ी बेसिक संजय कुमार कुशवाहा ने भी बताया है कि हेमराज के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्राचार किया गया है। जल्द समस्या का समाधान कराया जाएगा और विभागीय मदद की भी कोशिश की जाएगी।