चित्रकूट-जिले में है अवैध कब्जों की भरमार।

चित्रकूट-जिले में है अवैध कब्जों की भरमार।

चित्रकूट: जिला मुख्यालय समेत आसपास के गांवों में भी अवैध कब्जों की भरमार है। अवैध कब्जे हटाने के वह प्रयास नहीं हो रहे, जो सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाह रहे हैं। अवैध कब्जों के चलते आये दिन लोग परेशान हैं। अवैध कब्जे हैं कि हटने का नाम नहीं ले रहे। जिला प्रशासन भी कहीं न कहीं लोगों के अवैध कब्जे पर अदालत के दखल के चलते मजबूर है। 

     जिला मुख्यालय के बनकट नहर या सोनेपुर नहर या सडक 144 व कुआ के अवैध कब्जे हों या फिर तहसील कर्वी के गोबरिया मजरा कपसेठी के तालाब का अवैध कब्जा हो, हटाने के प्रयास जिला प्रशासन नहीं कर रहा। ये लोग लम्बे समय से अवैध कब्जाकर आवास बनाये हुए हैं। यहां तक कि तालाब के भीठे की जमीन भी कई लोगों ने अवैध ढंग से बेंच दी है। गोबरिया मजरा कपसेठी के ग्रामीण राजू यादव, नत्थू, इन्द्रपाल, भोला, बालचन्द्र, महेश, राजेश, जयकरन, रामपाल, गेंदेलाल, राममिलन, रामस्वरुप आदि ने सूबे के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि गोबरिया मजरा कपसेठी के आराजी नम्बर चार रकबा 1.756 हे व आराजी छह रकबा 0.982 हे सार्वजनिक बन्दोबस्ती तालाब है। आज भी तालाब में रामबाबू, रमेश, सुरेश, रविदत्त, शिवमंगल, संजय कुमार, सनत कुमार, रजोला, अजय कुमार पुत्र रामाधार अवैध ढंग से आवास बनाकर कब्जा किये हैं। तालाब की जमीन को फर्जी ढंग से दर्ज करा लिया है। एसडीएम कर्वी ने जांच के बाद पांच मई 2008 को खारिज कर दिया है। 

 इसके बाद सुरेश आदि ने 23 मई 2013 से दस अक्टूबर 2012 को बोर्ड आफ रेवेन्यू इलाहाबाद से स्टे ले लिया था, अभी भी ये लोग अवैध निर्माण कर रहे हैं। जहां सार्वजनिक रास्ता है, वहां पर भीठे में पक्का निर्माण व दूसरे भीठे में कच्चा निर्माण कर रहे हैं। प्रधान के मना करने पर गाली-गलौज कर फसाद पर आमादा होते हैं। ग्रामीणों ने अवैध कब्जे की जमीन से लोगों को बेदखल कर कार्यवाही की मांग की है, ताकि तालाब के पानी का निस्तार सभी लोग कर सकें। 

 जिला प्रशासन अवैध कब्जों को हटाने में नाकाम साबित हो रहा है। इसके चलते अवैध कब्जेधारक मस्त हैं, योगी सरकार के नुमाइन्दे अवैध कब्जेधारकों से पस्त नजर आ रहे हैं।

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