मंदिरों में तीन लोक के नाथ के सम्मुख संपत्ति की नहीं, शांति की वृद्धि के लिए करें प्रार्थना :आ विशुद्ध सागर

मंदिरों में तीन लोक के नाथ के सम्मुख संपत्ति की नहीं, शांति की वृद्धि के लिए करें प्रार्थना :आ विशुद्ध सागर
मंदिरों में तीन लोक के नाथ के सम्मुख संपत्ति की नहीं, शांति की वृद्धि के लिए करें प्रार्थना :आ विशुद्ध सागर

संवाददाता आशीष चंद्रमौली


बडौत |आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के ससंग संतों के सानिध्य में बडौत दिगंबर जैन समाज समिति के तत्वाधान में ऋषभदेव सभागार में श्रद्धालुओं को चातुर्मास के उपलक्ष्य में आयोजित संतों के प्रवचनों से स्वयं की बाहरी और आंतरिक मलिनता से मुक्ति पाने के सहज मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिली |आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के मंगल प्रवचन का शुभारंभ मंगलाचरण से डॉ श्रेयांश जैन द्वारा किया गया , चित्र अनावरण विजय जैन देहरादून किशोर पहाड़िया हैदराबाद द्वारा किया गया | 

प्रवचनों में कहा गया कि,मन्दिर में तीन लोक के नाथ के दर्शन करने जब हम मंदिर में जाते हैं, तो चिंतन करना चाहिए कि ,हम संपत्ति की वृद्धि के लिए नहीं, शांति की वृद्धि के लिए लिए प्रार्थना करनी चाहिए | कहा कि, संपत्ति अपना स्थान रखती है और शांति अपना स्थान रखती है | जीवन में उतार चढ़ाव का आना जाना निश्चित है | संपत्ति से इंद्रिय सुख मिल सकता है, लेकिन संपत्ति से शान्ति नहीं  मिल सकती | संपत्ति से भौतिक सांसारिक सुख मिल सकता है ,लेकिन शान्ति और मोक्ष का रास्ता तो मंदिर में तीन लोक के नाथ की भक्ति आराधना करने पर ही मिल सकता है |

धर्म सभा में उपस्थित प्रवीण जैन अतुल जैन नवीन जैन सुरेंद्र जैन विवेक जैन सुभाष जैन सुनील जैन मनोज जैन संदीप जैन वरदान जैन हैदराबाद देहरादून दिल्ली भोपाल आदि से भी काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे | मीडिया प्रभारी वरदान जैन व संदीप जैन ने बताया कि, देश के विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालुओं के लिए अनुकूल व्यवस्था की गई है