48 चांदी के दीपों और 48 भक्तांबर श्लोकों से आरती उतारी

48 चांदी के दीपों और 48 भक्तांबर श्लोकों से आरती उतारी

संवाददाता मो जावेद

छपरौली | श्री 1008 भगवान पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में भक्तांबर दीप अर्चना की गई। श्रुति जैन व राहुल जैन द्वारा पार्श्वनाथ मंदिर में भक्तांबर का पाठ किया गया ,जिसमें चांदी के 48 दीपों से भगवान महावीर स्वामी की आरती की गई तथा सायंकाल में भक्तांबर स्तोत्र के 48 श्लोक पूर्ण शुद्धि के साथ वाचन करते हुए मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रज्ज्वलित किए गए। 

मीडिया प्रभारी अमित जैन ने बताया कि, आचार्य मानतुंग स्वामी द्वारा रचित भक्तांबर स्तोत्र को पढ़ने, सुनने व कहने मात्र से ही प्राणियों के सारे पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं। इसमें आदि देव तीर्थंकर ऋषभदेव की स्तुति की गई है। मानतुंग नाम में दो शब्द, मान अर्थात् जिसे उच्च सम्मान प्राप्त हुआ है और जिसमें स्वतंत्रता शक्ति का चढ़ाव आया है तथा तुंग अर्थात् उत्कृष्ट। ब्रह्मचारी भैया गौरव जैन शास्त्री ने कहा ककि, इसके 45 वें श्लोक का वाचन असाध्य रोगों को ठीक करने में सहायक है। अनेक शोधों के द्वारा वैज्ञानिक क्षेत्रों में भी इसको प्रमाणित किया गया है। इसके छठवें श्लोक का वाचन छात्रों को प्रतिदिन करना चाहिए ,इससे बुद्धि व मेघा की वृद्धि होती है। कार्यक्रम का मार्गदर्शन ब्रह्मचारी भैया गौरव जैन शास्त्री ने किया। श्रद्धालुओं ने एक-एक करके 48 दीपों को जलाया ।

 इस अवसर पर राजेश जैन राहुल जैन राजीव जैन सर्राफ सत्येंद्र जैन दीपक जैन जिनेंद्र जैन अजय जैन अमित जैन मनीष जैन आशू जैन ऋषभ जैन श्रुति जैन दीपा जैन सीमा जैन सोनम जैन शिखा जैन नीलम जैन आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।