मलकपुर शुगर मिल शुरू होने से पहले ही कर्मचारी हड़ताल पर
•शुगर मिल प्रबंधन पर तानाशाही आरोप, 50 से अधिक कर्मचारियों को ठेकेदारी में डाला,
••2 जनवरी को हुए समझौता नहींं किया लागू, वार्ता के प्रस्ताव पर अभद्र व्यवहार
ब्यूरो डा योगेश कौशिक
बडौत | मलकपुर चीनी मिल में गुरुवार को चीनी मिल कर्मचारी यूनियन के बैनर तले कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी। अभी चीनी मिल शुरू भी नहीं हुआ है और कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है।
बता दें कि,मलकपुर चीनी मिल में कर्मचारी यूनियन द्वारा 2 जनवरी 2022 को विभिन्न मांगों को लेकर की गई हड़ताल के बीच अपर जिलाधिकारी की मौजूदगी में कर्मचारियों और मिल प्रबंधन के बीच एक समझौता हुआ था ,जिसके बाद हड़ताल समाप्त हो गई थी। समझौते के अनुसार कोई कार्यवाही न होने से खिन्न मिल कर्मचारियों ने गुरुवार को फिर से हड़ताल शुरू कर दी।
कर्मचारियों का आरोप था कि ,जो समझौता हुआ था, उसके तहत एक भी मांग को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। बताया कि ,30 अगस्त को आश्वासन दिया गया था , अगस्त माह का वेतन, वेतन वृद्धि व एरियर के साथ दिया जाएगा, लेकिन मिल प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया। 28 सितंबर को फिर से इस संबंध में मिल प्रबंधन को लिखित में दिया गया, लेकिन 12 अक्तूबर तक भी किसी तरह का आश्वासन तक नहीं दिया गया है।
हडताली मिल कर्मचारियों ने बताया कि मिल प्रबंधन ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए पांच से 10 साल पुराने लगभग 50-60 कर्मचारियों को ठेकेदारी के तहत डाल दिया , जोकि लेबर कानून का उल्लंघन है। इसके अलावा भी मिल प्रबंधन ने कर्मचारियों पर किए गए मुकदमो को वापस लेने की बात कही थी, इसपर भी तक अमल नही किया गया है।
वहीं बताया कि,गुरुवार को मिल प्रबंधन के साथ कर्मचारियों ने वार्ता के लिए भी प्रस्ताव भेजा, लेकिन अभद्र व्यवहार करके वार्ता से इंकार कर दिया गया। इस कारण मजबूर होकर कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। कर्मचारियों का आरोप था कि ,बिना किसी नोटिस के यूनियन के पदाधिकारियों की एंट्री भी मिल में बंद कर दी गई।
हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों में यूनियन के अध्यक्ष नटवर सिंह, राजेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, रविंद्र कुमार, मोहन कुमार, हरिमोहन, बलराम, सूरजबली आदि सभी कर्मचारी मौजूद रहे।