अधिशासी एवं सभासदों में मेला आयोजन को लेकर तकरार
एक दूसरे पर आरोप लगाकर कर रहे हैं बयान बाजी
अधिशासी एवं सभासदों में मेला आयोजन को लेकर तकरार
- एक दूसरे पर आरोप लगाकर कर रहे हैं बयान बाजी
- मामला सोशल मीडिया में बना चर्चा का विषय
थानाभवन- मेला गुगाल आयोजन को लेकर अधिशासी अधिकारी एवं सभासदों की तकरार अब सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। दोनों अपनी-अपनी बात पर अडिग है और एक दूसरे पर भ्रमित करने एवं जूठे तथ्यों के आधार पर जानकारी पब्लिक को देने का आरोप लगा रहे हैं।
नगर पंचायत थानाभवन अध्यक्षा श्रीमती मुशयदा बेगम द्वारा लिखा हुआ एक प्रेस नोट सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें लिखा गया है कि थानाभवन जाहरवीर गोगा म्हाड़ी पर होने वाले मेला गुगाल के आयोजन को लेकर 1 सितंबर 2023 को नगर पंचायत में बैठक का आयोजन हुआ था। जिसमें 17 सभासदों में से 16 सभासदों ने मेला गुगाल का आयोजन निर्वाचित बोर्ड द्वारा करने का निर्णय लिया था। जबकि अधिशासी अधिकारी द्वारा यह कहकर बैठक को निरस्त कर दिया गया कि मेला का आयोजन ठेका प्रणाली से किया जाएगा। दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया। जिसको लेकर नगर पंचायत अध्यक्षा के पति राव हाजी जमशेद के नेतृत्व में कुछ सभासद जिला अधिकारी से भी मिले थे। जिसमें मांग की गई थी कि मेले गुगाल का आयोजन निर्वाचित बोर्ड द्वारा किया जाए। इसको लेकर जिलाधिकारी ने एडीएम शामली को प्रकरण की जांच के लिए कहा था। वही एक दिन पहले सोशल मीडिया में अधिशासी अधिकारी द्वारा यह पोस्ट जारी की गई की मेला गुगाल का आयोजन ठेका प्रणाली से किया जाएगा इसके लिए सभासदों ने भी सहमति जाता दी है। बृहस्पतिवार के दिन नगर पंचायत अध्यक्ष मुशयदा बेगम के लेटर पैड पर कई सभासदों ने अपने हस्ताक्षर कर सोशल मीडिया में एक पत्र जारी कर दिया। जिसमें कहा गया कि वह मेले का आयोजन निर्वाचित बोर्ड के द्वारा किया जाने के अपने निर्णय पर अडिग है आरोप लगाया गया कि अधिशासी अधिकारी ने भृमित एवं तथ्य हीन बयान जारी किया है। दोनों पक्षो में मेले के आयोजन को लेकर तकरार अब थमने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि इस मामले में कुछ सभासद अधिशासी अधिकारी के पक्ष में है तो कुछ सभासद नगर पंचायत अध्यक्ष के पक्ष में है, लेकिन दोनों पक्षों की तकरार अब चर्चा का विषय है। सोशल मीडिया में लोगों का कहना है कि किसी को भी मेले के आयोजन से खास मतलब नहीं है मामला अपने आर्थिक स्वार्थ से जुड़ा हुआ है। जिसके कारण दोनों पक्षों में विवाद चल रहा है। पत्र जारी करने वालों में सभासद अर्चना सैनी राजवीर इरम मुनेश सुशील कुमार अनिता दीपांशु विशाल उर्फ कन्हैया सैनी, प्रवीण, दिनेश कुमार शामिल रहें।