संघर्ष, समाजसेवा और धार्मिक आस्था के लिए अयोध्या में कारसेवक बने तिलक राम वर्मा का निधन, कस्बे में शोक
कस्बे के अन्ना हजारे के रूप में जाने जाते थे संघर्षशील समाजसेवी वर्मा
संवाददाता शशि धामा
खेकड़ा।जनसमस्याओं को प्रमुखता से उठाने वाले तथा कस्बे के अन्ना हजारे के नाम से प्रसिद्ध समाजसेवी और अयोध्या में कारसेवक बने तिलकराम वर्मा का सोमवार को निधन हो गया। वे करीब 80 वर्ष के थे।
6 दिसम्बर 1992 में अयोध्या में राममंदिर के लिए कारसेवक के रूप में आगे बढने वालों में भी शामिल रहे तथा उसके बाद कारसेवकों की धरपकड के चलते, लम्बे समय तक वेश बदलकर भूमिगत रहे। नगर के बिजली आंदोलन समेत कस्बे की अनेक समस्याओं में भूख हडताल करके प्रशासन को कई बार झुकने को मजबूर करने की खास , शांत ,अडिग व मुस्कान भरी शैली के लिए उन्हें कस्बे के अन्ना हजारे के रूप में भी जाना जाता था। उनकी इच्छा अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण पूर्ण होने पर राम लला के दर्शन करने की थी, जो अधूरी रह गई। गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया गया।