पराली जलाने वालों के विरूद्ध होगी कार्यवाही जिलाधिकारी

पराली जलाने वालों के विरूद्ध होगी कार्यवाही जिलाधिकारी

सहारनपुर,

 जिलाधिकारी अखिलेश सिंह की अध्यक्षता में सायं 05ः30 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में पराली एवं गन्ने की पाती के प्रबंधन के संबंध में समीक्षा बैठक आहूत की गयी। बैठक में उन्होने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि पराली जलाने संबंधित घटनाएं जनपद में न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जायेगी। उन्होने कहा कि पराली जलाने संबंधित घटनाओं की निगरानी सैटेलाईट के माध्यम से उच्च स्तर पर की जा रही है। पराली जलाने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए। जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल जांच कर जुर्माना वसूला जाए।   

 जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसलों के अवशेष जलाये जाने पर प्रभावी रोकथाम हेतु समस्त क्षेत्रीय स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित कराई जाए साथ ही ग्राम प्रधानों, कृषक संगठनों से संवाद स्थापित करके उन्हें फसलों के अवशेष जलाने से मिट्टी, जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य पर होने वाले कुप्रभाव के प्रति जागरूक किया जाए। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में लगे हुए लाउडस्पीकरों का प्रयोग करते हुए जन सामान्य को यह चेतावनी भी निर्गत की जाए कि यदि उनके द्वारा फसलों के अवशेष जलाये जाते है तो इसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना मानते हुए उनके विरूद्ध जुर्माना की एवं विधिक कार्यवाही की जायेगी। उन्होने पर्यावरण के दृष्टिगत गुड बनाने में चलने वाले कोल्हू में पराली का उपयोग न करने के निर्देश दिए। सभी खण्ड विकास अधिकारी एवं अधिशासी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जनपद में कहीं पर कूडा जलाने की घटना भी न हो। 

 उन्होनें संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पराली जलाने वालों को वैकल्पिक उपायों के बारे में अनिवार्य रूप से अवगत कराया जाए। इसके तहत प्रदर्शन यंत्र, डिकम्पोजर, इनसीटू मैनेजमेंट योजना के अन्तर्गत यंत्रांे का वितरण, तथा एक्ससीटू प्रबंधन के तहत गौशालाओं में पराली पंहुचाकर खाद लेने के संबंध मंे जागरूक किया जाए तथा इनके उपयोग के बारे में भी जानकारी दी जाए। इस संबंध में फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ सुपरस्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर अथवा अन्य कोई फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र का उपयोग किया जाना अनिवार्य होगा। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि उक्त व्यवस्था के बगैर कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई न करने पाए। इसके अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जनपद में चलने वाली प्रत्येक कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ कृषि विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग का एक कर्मचारी नामित रहे, जिसके द्वारा अपनी देख-रेख में कटाई का कार्य कराया जायेगा। 

 उन्होने शासन के उच्च निर्देशों के क्रम में संबंधित विभागों को फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की प्रभावी रोकथाम के संबंध में निर्देश दिए। तथा कृषक बंधुओं से अपील की कि पर्यावरण के दृष्टिगत पराली न जलाएं। उन्होने कहा कि शासन एवं न्यायालय के निर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित नहीं किये जाने के दृष्टिगत संबंधित अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा तथा पराली जलाने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। 

 बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रजनीश कुमार मिश्र, उप कृषि निदेशक राकेश कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 राजीव कुमार सक्सेना सहित समस्त उपजिलाधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी तथा संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।   

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