बच्चों को संस्कार देने से पहले बडों को संस्कारित किए जाने की आवश्यकता :सौरभ सागर
संवाददाता मनोज कलीना
बिनौली। श्री दिगंबर जैन पुराना मंदिर में आयोजित धर्म सभा में जैन संत आचार्य सौरभ सागर महाराज ने कहा कि ,जो मनुष्य भगवान की श्रद्धा से भक्ति करता है, उसको पुण्य मिलता है। कहा कि आज घर के नियम, कायदे, आचरण सब खराब हो रहे हैं। गलत आचरण और खानपान ने धर्म कर्म का भी विनाश कर दिया है।
उन्होंने कहा वर्तमान समय में बच्चों को संस्कार देने के बजाय ,बड़ों को संस्कार देने की आवश्यकता है तथा भगवान महावीर स्वामी की चर्या को अपनाने की जरुरत है। जीवन में अगर नियम आ जायेगा ,तो सब कुछ ठीक हो जायेगा। कहा कि, खानपान सुधरा तो, खानदान भी सुधर जायेगा। भगवान महावीर के नारे लगाने से भव के किनारे नहींं लगा पायेंगे। भावना में भव हो, तभी जीवन का बेड़ा पार है।कहा, भगवान से सद्बुद्धि संमार्ग और सामर्थय मांगो। सद्बुद्धि होगी तो संमार्ग मिलेगा। फिर जीवन में अपेक्षित सफलता मिलेगी। वही चैतन्य है जो महावीर के मार्ग पर चलने को तत्पर है। अपना लक बढ़ाना है तो कल के लिए काम करो। कल का पुरुषार्थ आज कर लो, तभी तुम्हारा भाग्य भविष्य सुधर जाएगा।
इस दौरान उन्होंने मंत्रोच्चार के साथ श्री मंशापूर्ण महावीर विधान भी संपन्न कराया। धर्मसभा में जिवेंद्र जैन, अरुण जैन, मनोज जैन, अनुज जैन,रविंद्र जैन अनुभव जैन, आशीष जैन, नीरज जैन, राहुल जैन, कमल जैन, सचिन जैन, प्रमोद जैन, सतेंद्र गोयल, सम्यक जैन, ऋषभ जैन, नितिन जैन, रजत जैन, सूरज बैंसला आदि मौजूद रहे।