जहां रसीद, चंदे व जरूरत के सामान की पूर्ति के लिए ठाकुर जी को चिट्ठी लिख दी जाती है और जरूरतें हो जाती हैं पूरी!
भरतपुर का अपना घर आश्रम कलियुग का जीवंत तीर्थ : अभिमन्यु गुप्ता
ब्यूरो डा योगेश कौशिक
बागपत | भरतपुर के विशाल अपना घर आश्रम को प्रभु कृपा से स्वावलम्बी बनते देख आश्चर्यचकित हुआ बागपत का प्रतिनिधि मंडल | करीब 4 हजार असहायों, बीमारों तथा शारीरिक रूप से अक्षम महिलाओं और पुरुषों को जहां हर तरह की सुविधा प्रदान कर स्वयं को धन्य और गौरवान्वित महसूस किया जाता है | इस आश्रम की विशेषता है कि, बिना रसीद, बिना चंदे व सहायता के लिए बिना किसी के द्वार पर जाकर सीधे आराध्य ठाकुर जी को चिट्ठी के जरिये जरूरत बता दी जाती है और व उनके भक्तों द्वारा अनायास पूरी भी हो जाती है | बागपत के अमीनगर सराय के प्रभुजी आश्रम से संबद्ध समाजसेवा अभिमन्यु गुप्ता ने भरतपुर के अपना घर आश्रम को जीवंत तीर्थ बताया और कहा कि, उसके संस्थापक व संचालक डा बीएम भारद्वाज निराश्रितों के लिए मसीहा की तरह से हैं, उनके इस पुनीत कार्य में सहधर्मिणी श्रीमती माधुरी भारद्वाज सहयोगिनी की प्रशंसनीय भूमिका निभा रही हैं |भरतपुर निवासी डॉ बीएम भारद्वाज ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती माधुरी भारद्वाज के साथ 29 जून 2000 को राजस्थान के भरतपुर शहर से 8 किमी दूर बजेहरा गांव में अपना घर आश्रम की स्थापना की थी, उनका यह काफिला निरंतर बढ़ता रहा आज संपूर्ण देश में 58 अपना घर आश्रम के माध्यम से 9000 निराश्रित प्रभु जी आवासीय सुविधा से युक्त भोजन ,वस्त्र व चिकित्सा प्राप्त कर रहे हैं |अकेले भरतपुर आश्रम में 4000 के लगभग प्रभु जी आवासित हो रहे हैंं |
बागपत जनपद से प्रसिद्ध समाजसेवी व अपना घर आश्रम अमीनगर सराय के संचालक मंडल सदस्य अभिमन्यु गुप्ता ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती संतोष गुप्ता एवं प्रमुख सहयोगी पंकज गुप्ता के साथ भरतपुर आश्रम में जाकर डॉ बीएम भारद्वाज एवं माधुरी दीदी से भेंट की और आश्रम की सभी गतिविधियों को बारीकी से देखा | वहां पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त रसोई, विशाल आवासीय परिसर , विशाल गौशाला व अधुनातम चिकित्सालय सहित अनेक प्रकल्प हैं, जिन्हें देखकर बागपत का शिष्टमंडल आश्चर्यचकित रह गया |
वार्ता के दौरान डॉ बीएम भारद्वाज ने बताया हमने इसकी स्थापना से लेकर अब तक कोई भी सरकारी मदद नहीं ली है और ना ही कोई रसीद बुक लेकर दान की अपील करते हैं , बल्कि जो भी सामान की आवश्यकता होती है ,वह परमपिता परमात्मा के स्वरूप ठाकुर जी को चिट्ठी के माध्यम से भेजते हैं, और ठाकुर जी अपने भक्तों के माध्यम से सारी जरूरतों को पूरा कर देते हैं | सभी आश्रमों में ठाकुर जी को चिट्ठी भेजने की व्यवस्था की गई है |
कर्म योगी डॉ बीएम भारद्वाज ने बताया कि,किसी भी प्रकार का सम्मान उनके द्वाराग्रहण नहीं किया जाता | उनका कहना है कि, बेसहारा बीमार असहाय प्रभु जनों की सेवा ही हमारी पूजा एवं आराधना है |
शिष्टमंडल के सदस्य समाजसेवी अभिमन्यु गुप्ता ने बताया कि,उनसे मिलकर ऐसा लगा ,जैसे प्रभु के साक्षात् दर्शन हुए हों | आश्रम अवलोकन के समय अभिमन्यु गुप्ता के साथ उनकी बहन श्रीमती प्रभा गुप्ता, जो भरतपुर आश्रम की प्रबंध समिति की सदस्या भी हैं, ने बताया कि, अब तक अपने परिवारों से बिछड़े हुए 23000 स्त्री पुरुषों को उनसे मिलाने का कार्य हो पाया है , जो निरंतर जारी है | हमारे सभी आश्रमों में किसी भी प्रकार के मानसिक रोगी ,बीमार, बेसहारा व निराश्रित स्त्री पुरुषों को कोई भी व्यक्ति ला सकता है | सभी अपना घर आश्रमो में समाज के सेवाभावी प्रतिष्ठित व्यक्ति ,सेवा भाव से जुड़कर निरंतर सेवा कार्य कर रहे हैं |
अभिमन्यु गुप्ता ने धर्म प्रेमी बंधुओं से एक बार भरतपुर आश्रम में जाकर जीवंत तीर्थ स्थल को देखने का अनुरोध किया | अमीनगर सराय निवासी प्रसिद्ध समाजसेवी ईश्वर अग्रवाल ने अपना घर आश्रम अमीनगर सराय को 1 माह का राशन भेट किया | सचिव दिनेश जैन और अभिमन्यु गुप्ता ने उनका आभार व्यक्त किया |