पंचकल्याणक महोत्सव के अंतिम दिन मोक्ष कल्याणक ,शांति महायज्ञ व आदिनाथ भगवान तथा महावीर स्वामी की रथयात्रा
संवाददाता मो जावेद
छपरौली | पंचकल्याणक महोत्सव में भगवान् आदिनाथ को कैलाश पर्वत से निर्वाण के साथ मोक्ष हुआ। वहीं मुनिश्री शिवानंद व प्रशमानंद जी महाराज ससंघ के सानिध्य मे भगवान जिनेंद्र की शांतिधारा की गई।
प्रतिष्ठाचार्य पं मनोज जैन शास्त्री एवं सह प्रतिष्ठाचार्य पं अजीत जैन ने मंत्र उच्चारण के साथ सौधर्म इन्द्र सुबोध जैन, कुबेर राजीव जैन, महायज्ञनायक देवेंद्र जैन, यज्ञनायक दीपक जैन दिल्ली सहित इंद्र-इंद्राणियो ने विश्वशांति महायज्ञ में अग्नि प्रकट कर यज्ञ कुडं में पूर्णाहूति देकर विश्वशांति की कामना की। शिवानंद जी महाराज ने मोक्ष कल्याणक महोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष प्राप्ति का होना चाहिए। मोक्ष और स्वर्ग है या नहीं ,इस पर कभी संदेह नहीं करना चाहिए, क्योंकि दिन है तो रात है ,सुख है तो दुख है। स्त्री है ,तो पुरुष है, पुण्य तो पाप है, इसी प्रकार संसार है, तो मोक्ष है, स्वर्ग है तो ,नर्क है क्योंकि हर चीज का जोड़ा होता है।
पंचकल्याणक कार्यक्रम में पाषाण से भगवान बनने की प्रक्रिया हुई, जो गर्भ कल्याणक से शुरू होकर और मोक्ष कल्याणक के रूप तक हुई। महोत्सव समिति के मीडिया प्रभारी अमित जैन ने बताया कि ,पंचकल्याणक महोत्सव के अन्तिम दिन भगवान आदिनाथ को मोक्ष प्राप्ति के उपरांत रथयात्रा निकाली गई ,जिसमे अधिसंख्य जैन समाज का जनसैलाब उमड़ पडा। रथयात्रा मे सोधर्म इंद्र कुबेर इंद्र महायज्ञनायक यज्ञनायक सहित इंद्रा-इंद्राणी भगवान अदिनाथ की प्रतिमा व अन्य प्रतिमाओं को लेकर चल रहे थे साथ ही बैंड बाजों की धुन पर नाचते गाते हुए नवनिर्मित मंदिर जी में पहुंचे ,वहां पर महाराज श्री शिवानंद जी व प्रशमानंद जी मुनि राज द्वारा मंत्र उच्चारण के साथ प्रतिमाओं की स्थापना की गई |मन्दिरजी में कुल 32 प्रतिमाएं विराजमान हुई |
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष प्रदुमन जैन दीपक जैन दिल्ली राजीव जैन (बॉबी भाई) सुबोध जैन अंकुर जैन विक्की जैन यश जैन अश्वनी जैन अमित जैन राहुल जैन कालूराम जैन अभिषेक जैन विशाल जैन एडवोकेट आदि लोग मौजूद रहे।