हवा और पानी में जहर घोलने का काम कर रहा है शुगर मिल
पर्यावरण धर्म समिति के जिला अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को भेजा शिकायती पत्र
हवा और पानी में जहर घोलने का काम कर रहा है शुगर मिल
- पर्यावरण धर्म समिति के जिला अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को भेजा शिकायती पत्र
- कृष्णा नदी में छोड़ा जा रहा है शुगर मिल से निकलने वाला दूषित पानी
- चिमनी से निकलने वाले राख के कण एवं बेगास लोगों की आंखों को पहुचा रही है नुकसान
- लोगों की सेहत पर भी हो रहा है बुरा कर असर
थानाभवन- शुगर मिल से निकलने वाले दूषित पानी को कृष्णा नदी में नियमों को तांक पर रखकर छोड़ा जा रहा है एवं चिमनी से निकलने वाले धुएं व धूल के कणों और बेगास से लोगों की सेहत बिगड़ रही है। पर्यावरण धर्म समिति के जिला अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी शामली को शिकायती पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग की है।
पर्यावरण धर्म समिति के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा है। जिसमें थानाभवन बजाज हिन्दुस्थान शुगर मिल द्वारा मिल से निकलने वाले दूषित पानी को पास से ही होकर गुजरने वाली कृष्णा नदी में रात्रि में अक्सर छोड़ा जाता है एवं पानी का वॉटर ट्रीटमेंट भी मानकों के अनुसार नहीं किया जाता। जबकि शुगर मिल के आसपास के किसानों को मिल से निकलने वाले पानी से सिंचाई करने का दावा करता है। वही अधिक ऊंचाई से बेगास जब बेगास ग्राउंड में गिरती हैं बेगास(खोई) के बारीक कण हवा में आसपास उड़ने लगते हैं एवं चिमनी से निकलने वाला धुआं जहां पर्यावरण में घुलकर प्रदूषण कर रहा है वही चिमनी में भी पॉल्यूशन ट्रीटमेंट प्लांट ठीक ढंग से मानकों के अनुरूप काम नहीं कर रहा। जिससे चिमनी से निकलने वाले कार्बन के बारीक कण हवा में घुल रहे हैं और आसपास से गुजरने वाले एवं खेतों में काम करने वाले लोगों की आंखों में गिर जाते हैं जिससे आंखों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। वही सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचकर लोगों की सेहत खराब कर रहा है। यह सारा काम शुगर मिल द्वारा पर्यावरण से संबंधित नियमों को तांक पर रख कर किया जा रहा है। शिकायती पत्र में कई बिंदु पर शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई है। एनजीटी लगातार बिगड़ रहे पर्यावरण संतुलन को लेकर काफी चिंतित हैं लेकिन ऐसे लोग जो अपने रसूक एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते खूब नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
*कृष्णा नदी के अस्तित्व को खतरा*
कभी अविरल एवं स्वच्छ बहने वाली कृष्णा नदी अब मात्र गंदे पानी एवं प्रदूषण नाले के रूप में तब्दील हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार कृष्णा नदी को मूल स्वरूप को वापस लाने के लिए प्रति वर्ष मोटी धनराशि खर्च करती है एवं अनेक योजना चलाती हैं। लेकिन ऐसी फैक्ट्रियां जिससे निकालने वाला वेस्टेज नियमों की अनदेखी करते हुए सीधा कृष्णा नदी में डाला जा रहा है। जिससे कृष्णा का अस्तित्व खतरे में है। कृष्णा नदी का पानी प्रदूषित होने के कारण नदी किनारे बसे गांव में कैंसर लीवर स्किन से संबंधित अनेकों गंभीर बीमारियों से लोग यहां ग्रसित हैं।
ज़ब इस बारे मे शुगर मिल प्रबंधन से बात की गयी तो उन्होंने शुगर मिल से निकलने वाले पानी को किसानों को सिचाई हेतु देना ही बताया गया और शुगर मिल द्वारा किसी भी प्रकार के प्रदूषण फेलाने से इंकार किया गया है