जिलाधिकारी द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में भी नियमित स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के निर्देश:

जिलाधिकारी द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में भी नियमित स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के निर्देश:

••हेपेटाइटिस बी व अन्य टीकाकरण में हुई लापरवाही तो निजी चिकित्सालय की होगी मान्यता निरस्त

••चिकित्सकों की कार्यप्रणाली में मानवीयता का भाव होना चाहिए

संवाददाता नीतीश कौशिक

बागपत। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति की समीक्षा की व उन्हें और भी अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा, गरीब को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परेशान होना ना पड़े ,शासकीय स्वास्थ्य सेवाएं हर आम व्यक्ति के लिए हैं तथा बच्चों का टीकाकरण समय से हो।

जिलाधिकारी ने कहा, जिन निजी चिकित्सालयों में हेपेटाइटिस बी का टीका जन्म के 24 घंटे के अंतर्गत बच्चों को नहीं लगाया जाता है ,जिस पर शासन पूर्णतः गंभीर है। यदि कोई अस्पताल जन्म के 24 घंटे के अंतर्गत टीकाकरण में लापरवाही करेंगे ,उनकी जिम्मेदारी तय करते हुए उन पर कार्यवाही की जाएगी।सख्त निर्देश दिए कि, अगर बच्चे का जन्म के बाद टीकाकरण अस्पताल नहींं करता है, तो ऐसे अस्पतालों की मान्यता निरस्त की जाएगी। उन्होंने कहा,अस्पताल संचालकों को डिलीवरी व टीकाकरण का रिकॉर्ड भी पूर्ण तरीके से व्यवस्थित रखना होगा, जिसे कभी भी स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा चेक किया जा सकता है। उन्होंने कहा हेपेटाइटिस बी के टीकाकरण के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जाए उन्होंने अस्पतालों में जन्म मृत्यु के पंजीकरण कराए जाने के भी निर्देश दिए ।

बैठक में टीकाकरण में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिनोली व खेकड़ा की अच्छी प्रगति न होने पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ दीपा सिंह को जिलाधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उसमें सुधार करने के निर्देश दिए हैं । उन्होंने कहा कि टीकाकरण के प्रति कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा आम जनमानस तक स्वास्थ्य सेवा को गुणवत्ता के साथ देना संबंधित अधिकारी का दायित्व है।उन्होंने बिनोली व खेकड़ा को सुधार करने के निर्देश दिए।

 जिलाधिकारी ने जनपद में चल रही स्वास्थ्य योजनाओं, टीकाकरण अभियानों, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों और अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की व संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी स्वास्थ्य योजनाओं का सुचारू और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए ताकि जिले के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।

जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य

उक्त बैठक में जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य विषय पर अंतर्विभागीय कार्य योजना पर भी चर्चा की गई ,जिसमें जलवायु परिवर्तन के सीधे प्रभाव से संबंधित कार्यक्रम डिग्री कॉलेज व इंटर कॉलेजों में आयोजित किए जाएंगे कि, प्लास्टिक का प्रयोग ना करें, प्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ तीरथ लाल, मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भदोरिया, डिप्टी सीएमओ डॉ यशवीर ,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ विभास राजपूत आदि उपस्थित रहे।