श्रद्धालुओं ने मांघी पूर्णिमा पर गंगा किनारे लगने वाले घाटों पर स्नानकर दिया दान।

श्रद्धालुओं ने मांघी पूर्णिमा पर गंगा किनारे लगने वाले घाटों पर स्नानकर दिया दान।

डलमऊ रायबरेली।माघी पूर्णिमा के अवसर पर डलमऊ के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं काजनसैलाब उमड़ा सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतारा स्नान के लगी  रही माघ माह में लगातार एक माह कल्पवास रहते हुए प्रतिदिन नदियों में स्नान कर पुण्य प्राप्त करने की आस्था के क्रम में आज 1 माह के कल्पवास के अंतिम दिन माघी पूर्णिमा के अवसर पर गंगा तट डलमऊ के विभिन्न घाटों पर क्षेत्र और जनपद के साथ गैर जनपद से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा मैया के जयकारों के साथ प्रातः काल से ही गंगा में आस्था की डुबकी लगाई गई वही गंगा तट पर स्थित मंदिरों और शिवालयों में श्रद्धालुओं द्वारा जलाभिषेक करते हुए पूजा अर्चना की गई और शास्त्रों के अनुसार तिल आदि का दान दिया गया
  तीर्थ पुरोहित शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार माघ मास में एक माह का कल्पवास करते हुए प्रतिदिन नदियों में स्नान करके तिल आदि का दान देने से मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा कल्पवास के अंतिम दिन पिंड दान करने से पितरों की प्रेत आत्मा को मोक्ष मिलता है आज रविवार को माघ माह की पूर्णिमा के अवसर पर गंगा तट डलमऊ के किलाघाट सड़क घाट रानी शिवाला घाट वीआईपी घाट पक्का घाट संकट मोचन घाट पथवारी घाट आदि के साथ 1 दर्जन से अधिक स्थान घाटों पर जनपद और गैर जनपद से आए हुए हजारों श्रद्धालुओं ने प्रातः काल से ही गंगा मैया के जयकारों के साथ गंगा मां के पावन जलधरा में आस्था की डुबकी लगाई गई गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं द्वारा गंगा तट पर स्थित मंदिरों और शिवालय में जलाभिषेक करते हुए पूजा अर्चना की गई तथा तीर्थ पुरोहितों को यथासभव तिल आदि का दान देकर आशीर्वाद प्राप्त किया
     माघी पूर्णिमा के अवसर पर डलमऊ कस्बे के मुराई बाग चौराहे पर अतिक्रमण के मकड़जाल के चलते श्रद्धालुओं को जानकी स्थित से जूझना पड़ा तो वही क्षेत्रीय प्रशासन की अनदेखी के चलते स्नान घाटों पर गिरने वाले गंदे नालों और गंदगी के बीच गंगा स्नान करने पर मजबूर होना पड़ा करोड़ों रुपए की लागत से नमामि गंगे